तनाव कम करने के क्या हो सकते हैं उपाय…

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तनाव को कम करने में कला की भूमिका के बारे में पहले भी काफी कुछ कहा जाता आया है। हाल ही में ड्रेक्सेल यूनिवर्सिटी (फिलाडेल्फिया, अमेरिका) में हुए एक अनुसंधान में यह पाया गया कि यदि आप मात्र 45 मिनट का समय कोई कलाकृति बनाने में खर्च करते हैं, तो आपका तनाव का स्तर कम हो सकता है। यह कलाकृति कोई भी हो सकती है: ड्रॉइंग, पेंटिंग, क्ले मॉडलिंग, फोटोग्राफी, वुडवर्किंग आदि और यहां तक कि सिलाई-बुनाई भी। इसमें यह बात कतई मायने नहीं रखती कि आप कितने कुशल कलाकार हैं।

अनुसंधान में यही पाया गया कि 45 मिनट तक कोई कलाकृति बनाने के बाद व्यक्ति के शरीर में कॉर्टिसोल हारमोन का स्तर घट जाता है। कोर्टिसोल को स्ट्रेस हारमोन भी कहा जाता है क्योंकि तनाव होने पर इसका स्त्राव बढ़ जाता है। यह भी पाया गया कि कलाकृति बनाने वाला कोई उम्दा कलाकार हो या फिर निपट अनाड़ी, सभी को इससे तनाव कम करने में फायदा होता है।

कैसे होता है फायदा

कोई कलाकृति बनाने से स्ट्रेस लेवल कम करने में कई तरह से लाभ होता है, जैसे:

इससे कुछ देर के लिए ही सही, आपका ध्यान उस बात से बंट जाता है, जिसकी वजह से आपको तनाव हुआ है। जब आप कलाकृति बना चुके हों, तब आप यह पाते हैं कि आप अधिक स्पष्टता से सोच पा रहे हैं। इस अवस्था में आप उस समस्या का समाधान बेहतर तरीके से निकाल सकते हैं, जिसके कारण आपको तनाव हुआ।

कलाकृति बनाने से शरीर में ‘फील गुड’ न्यूरोट्रांसमिटर डोपामीन का स्तर बढ़ जाता है। जाहिर है, यह आपको अच्छा महसूस कराता है।

कलाकृति बनाते वक्त अक्सर व्यक्ति ‘फ्लो’ नामक अवस्था में आ जाता है। यह एक ऐसी अवस्था है, जिसमें आप किसी काम में पूरी तरह डूब गए जाते हैं। यह लगभग ध्यान लगाने जैसा है और इसके फायदे भी लगभग वैसे ही हैं, जैसे कि ध्यान लगाने से होते हैं।

– रोज कुछ समय अपनी हॉबी को देना आपको अधिक संतुलित महसूस करा सकता है। जीवन की भागदौड़ में हम अक्सर खुद के लिए समय नहीं निकाल पाते। कुछ समय कला में रत हो जाने से आपको इसलिए भी अच्छा लगता है क्योंकि आप महसूस करते हैं कि आपने अपने लिए समय निकाला।

– जब भी आप कोई नई या जटिल गतिविधि में रत होते हैं, तो आपके मस्तिष्क की कोशिकाओं के बीच नए कनेक्शन बनते हैं। यानी मस्तिष्क के विभिन्ना भागों के बीच बेहतर संवाद स्थापित होता है। एक तरह से, कलाकृति बनाने से मनोवैज्ञानिक लचीलापन बढ़ जाता है और तनाव के प्रति प्रतिरोध बढ़ता है।

– कला आपको खुद को अभिव्यक्त करने का मौका देती है। यदि कोई बात आपको भीतर ही भीतर खाए जा रही है, तो उसे कला के रूप में व्यक्त करके आप हल्का महसूस कर सकते हैं।

– जब कोई कलाकृति बन जाती है, तो आपमें एक उपलब्धि का भाव जागता है। यह भी आपको अच्छा महसूस कराता है।