Aaj Samaj (आज समाज), Western Disturbances Impact, नई दिल्ली: भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिक आरके जेनामनी ने बताया है कि 28 अप्रैल से चार मई के बीच लगातार तीन सक्रिय और मजबूत पश्चिमी विक्षोभ ने दस्तक दी। उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में एक सप्ताह में एक के बाद एक 3 पश्चिमी विक्षोभ आना बीते 20 साल में दुर्लभ घटना है। सर्दियों जैसी इस घटना के कारण ही गर्मी में दिन का तापमान 10 से 15 डिग्री तक कर्म दर्ज किया गया।
- मार्च, अप्रैल और मई में अब तक 15 पश्चिमी विक्षोभ
- अभी एक और पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना
जून में मानसूनी बारिश शुरू : स्काईमेट वेदर
स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष महेश पहलावत का कहना है कि इस वर्ष मार्च में सात, अप्रैल में पांच से छह और मई में दो पश्चिमी विक्षोभ आए। यानी गर्मी के मौसम में 15 पश्चिमी विक्षोभ आए और अभी एक और आने का अनुमान है जिसके प्रभाव से तीन से चार दिन बारिश होने के आसार हैं। पहलावत ने बताया कि 15 मई के बाद तापमान में बढ़ोतरी होगी। इसी के साथ जून में मानसूनी बारिश शुरू हो जाएगी। ऐसे में यह दो दशक की सबसे छोटी गर्मी होने वाली है।
मध्य भारत : अप्रैल में 226 फीसदी ज्यादा बारिश
देश में अक्सर 15 जून तक गर्मी का सीजन रहता है। इस बार मार्च में सात पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से देशभर में 37.6 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य (29.9 मिमी) से 26 फीसदी ज्यादा थी। मार्च के दूसरे पखवाड़े में दिन का अधिकतम तापमान लगातार सामान्य से कम रहा। वहीं, अप्रैल में पांच पश्चिमी विक्षोभ आए, जिनसे उत्तर-पश्चिमी भारत में कई बार बारिश होने से तापमान कम बना रहा। अप्रैल में देशभर में 41.4 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य (39.3 मिमी) से 5 फीसदी अधिक थी। मध्य भारत में अप्रैल में सामान्य रूप से 9.2 मिमी बारिश होती है, पर इस बार 30 मिमी यानी 226 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई।
उत्तर भारत में मानसून की दस्तक से पहले तक गर्मी रह सकती है
मौसम वैज्ञानिक आरके जेनामनी का कहना है कि जहां तक जून में कम या ज्यादा गर्मी पड़ने का सवाल है तो अभी से इस मामले में कुछ नहीं कह सकते। एक जून को मानसून केरल में दस्तक देता है और आखिर में पश्चिमी राजस्थान पहुंचकर आठ जुलाई तक मानसून समूचे देश में छा जाता है। उत्तर भारत में मानसून की दस्तक देने से पहले तक गर्मी जारी रह सकती है।
इस कारण आ सकता है प्री-मानसून का दौर
मौसम विभाग के अनुसार अगर अरब सागर या बंगाल की खाड़ी में कोई तूफान विकसित हुआ तो प्री-मानसूनी बारिश का दौर आ सकता है, उस दौरान गर्मी कम हो सकती है। वह एक जून को दस्तक दे पाएगा या नहीं, इसकी गणना जारी है, 15 मई तक इसका अनुमान सामने आ सकेगा। 7 से 9 मई के बीच बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान ‘मोचा’ उठेगा, जिससे अगले 4 दिन मप्र, बिहार, झारखंड समेत कई इलाकों में बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग ने ओडिशा के 18 जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है। मोचा 7 मई को प. बंगाल व ओडिशा में असर दिखाएगा। 8 और 9 मई को इसकी तीव्रता बढ़ने का अनुमान है।
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