West Bengal News: बांकुरा जिले के केंजाकुरा में 700 रुपए में मिलती है एक जलेबी, देखने वालों की ज्यादा भीड़

0
302
West Bengal News
बांकुरा जिले के केंजाकुरा में 700 रुपए में मिलती है एक जलेबी, देखने वालों की ज्यादा भीड़

Aaj Samaj (आज समाज), West Bengal News, कोलकाता: पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले में जो जलेबी बनती है, वैसी भारत में तो क्या, दुनिया में कहीं और नहीं दिखेगी। इस एक जलेबी की कीमत 700 रुपए के आसपास है और बांकुरा जिले के प्राचीन शहर केंजाकुरा में यह एक खास त्योहार के समय मिलती है।

  • भाद्र मास में भादू पूजा के दिन आकर्षण का केंद्र में रहती है जलेबी

वजन 3 से 4 किलो तक

केंजाकुरा में भाद्र महीने में संक्रांति के दिन भादू मेला लगता है जिसमें यह जलेबी खास आकर्षण के केंद्र में रहती है। इस जलेबी का वजन 3 से 4 किलो तक होता है और आकार कार के पहिए जैसा होता है। जलेबी की दुकान पर खाने से ज्यादा इसे देखने वालों की भीड़ लगी रहती है। बांकुरा के बाद यह जलेबी पुरुलिया जिले में फेमस हुई और अब पड़ोसी राज्य झारखंड के लोग भी इस जलेबी को खाने आते हैं। भाद्र मास के संक्रांति के दिन भादू पूजा मनाई जाती है। भादू पूजा आस-पास के इलाकों में काफी लोकप्रिय है।

भादू की पूजा घर-घर में होता है नाच-गाना

ऐसा माना जाता है कि पंचकोट राज निलमणि सिंहदेव की तीसरी बेटी भद्रावती की असमय मौत हो गई। इसके बाद पंचकोट राजपरिवार ने ग्रेटर बंगाल में भादू पूजा की शुरुआत की। केंजाकुरा स्थित द्वारकेश्वर नदी के किनारे व आसपास के सभी घरों में अरसे से भादू की पूजा की जाती है और लोकगीत गाया जाता है। घर-घर में गाना, नृत्य और खाने-पीने का रिवाज है। इसी में जलेबी बनाने का रिवाज प्रचलित हो गया।

एक व्यक्ति नहीं खा सकता पूरी जलेबी, गिफ्ट में देते हैं लोग

समय के साथ एक-दूसरे से बड़ी जलेबी बनाने की होड़ लगने लगी। इसी कारण जलेबी का साइज बढ़ता गया। साथ ही इस जलेबी की प्रतिष्ठा भी बढ़ने लगी। कोई भी अकेला व्यक्ति इस एक जलेबी को नहीं खा सकता। अधिकांश लोग दूसरो को गिफ्ट देने के लिए यह जलेबी खरीदते हैं।

यह भी पढ़ें: 

Connect With Us: Twitter Facebook