कोलकाता। पश्चिम बंगाल नवीकरणीय ऊर्जा नीति के तहत स्वच्छ ऊर्जा कोष बनाने में विफल रहा है। यह जानकारी नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने अपनी आॅडिट रपट में दी है। कैग ने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा कोष बनाने और उसके प्रबंधन की जिम्मेदारी राज्य सरकार की नोडल एजेंसी पश्चिम बंगाल स्वच्छ ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (डब्ल्यूबीजीईडीसीएल) की है। उसने इस दिशा में कोई गंभीर पहल नहीं की है। मार्च 2017 की अपनी आॅडिट रपट में कैग ने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा कोष को पश्चिम बंगाल सरकार और योगदान देने वाली अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के शेयर आधारित सहयोग से बनाया जाना था। हालांकि डब्ल्यूबीजीईडीसीएल ने इस कोष के गठन के लिए कोई पहल नहीं की। कैग ने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने स्वच्छ उपकर कोष बनाया है और 2008 से 2015 के बीच 2,315 करोड़ रुपये जुटाए।