नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका विषय पर केंद्रित वेबिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षकों, विद्यार्थियों, शोधार्थियो सहित देशभर से शामिल प्रतिभागियों को प्रेरक वक्ता मुनीष आनंद ने संबोधित किया। कार्यक्रम के संरक्षक व विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने अपने संबोधन में युवाओं की भूमिका को देश के विकास में महत्त्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि युवा नींव का वह मजबूत पत्थर है जिससे एक सुंदर, समृद्ध राष्ट्र का निर्माण होता है। प्रो. टंकेश्वर कुमार ने युवाओं की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इनके महत्त्व को ही समझते हुए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में युवा पीढ़ी के सर्वांगीण विकास के लक्ष्य को केंद्र में रखा गया है। अवश्य ही इस कार्य में शिक्षण संस्थानों की भूमिका महत्त्वपूर्ण है और हम इसे निभाने के लिए तैयार हैं।
> प्रो. टंकेश्वर कुमार ने अपने संबोधन में युवाओं को सेवा व संतुष्टि के भाव के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आज वह सभी प्रकार की संभावनाएं उपलब्ध हैं जिनके माध्यम से युवा मेहनत व ईमानदारी के साथ अपने, अपने परिवार, देश व विश्व की प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। कुलपति ने कहा भाषा की बाध्यता आज खत्म हो चुकी है और हमारे सम्मुख ऐसे अनेक देशों के उदाहरण उपलब्ध हैं जिन्होंने अपनी भाषा के माध्यम से सफलता की नई बुलंदियों को हासिल किया है। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय, राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) व यूथ रेडक्रॉस इकाई द्वारा किया गया। भारत की आजादी का अमृत महोत्सव व उन्नत भारत अभियान के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विशेषज्ञ वक्ता मुनीष आनंद ने कहा कि युवा जोश से भरा होता है। उसमें कुछ कर गुजरने की चाहत होती है और इतिहास गवाह है कि विश्व में जो भी क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं, उनमें युवाओं की भूमिका महत्त्वपूर्ण रही है। युवाओं को चाहिए कि वे खुद पर विश्वास रखें, खुद से प्रेरणा लें, सकारात्मक सोच रखें और अपने विकास के लिए प्रयास करें। युवा यदि सच का साथ दें और अपने सपनों को साकार करें तो भी उसका असर राष्ट्र के निर्माण पर देखने को मिलेगा। मुनीष आनंद ने अपने संबोधन में युवाओं को खुद पर विश्वास करने और अपने दिल की बात सुनकर आगे बढ़ने का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के निर्माण के लिए व्यक्ति का ईमानदार, अनुशासित और स्वयं पर विश्वास होना जरूरी है। इसलिए युवाओं को मेरी अपील है कि यदि वे देश के निर्माण में अपनी ऊर्जा, विश्वास व ईमानदारी के साथ लगायें तो हमें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। इस कार्य में विश्वविद्यालयों व शिक्षकों की भूमिका बेहद महत्त्वपूर्ण है। वे यूथ पावर को सही दिशा दिखा सकते हैं और उन्हें अपनी जिम्मेदारी का अनुभव करते हुए युवाओं को राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित करना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के संयोजक डॉ. दिनेश चहल ने किया। कार्यक्रम की शुरूआत छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. दिनेश कुमार गुप्ता ने विश्वविद्यालय के कुलपति व विशेषज्ञ वक्ता का परिचय देने के साथ-साथ विषय परिचय के साथ की। इसके पश्चात विश्वविद्यालय में आजादी का अमृत महोत्सव अभियान की नोडल आॅफिसर प्रो. सारिका शर्मा ने इस अभियान की रूपरेखा व इसके अंतर्गत आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों के विषय में प्रतिभागियों को अवगत कराया और धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में विभिन्न पीठों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, विद्यार्थी, शोधार्थी सहित देशभर के विभिन्न संस्थानों से प्रतिभागी आॅनलाइन माध्यम से शामिल हुए।
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