हर तरफ लाशें ही लाशें, खून ही खून, दहल गई थी मुंबई

मुंबई में हुए आतंकी हमले की आज 16वीं बरसी है।

26 नवंबर 2008, भारत के इतिहास का वो काला दिन, जब मुबंई में शोर और सन्नाटा एक साथ पसरा था।

एक तरफ गोलियों की तड़तड़ाहट, दूसरी ओर चीख और खौफ में चल रही सांसें।

एक तरफ गोलियों की तड़तड़ाहट, दूसरी ओर चीख और खौफ में चल रही सांसें।

 मायानगरी की सड़कें लाल थीं।

 खूबसूरती में चार चांद लगाने वाला समंदर मौत का रास्ता बन गया। 

एक नाव में 10 आतंकी आए और पूरी मुंबई को दहला दिया। 

160 से ज्यादा बेगुनाह मारे गए और 300 से ज्यादा घायल हुए।