गेहूं के उत्पादन पर पड़ सकता है असर
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा से ठंड की विदाई हो चुकी है। दिन में तेज धूप निकलने से गर्मी का अहसास होने लगा है। सुबह और शाम के समय ही ठंड महसूस होती है। एकदम से दिन का तापमान बढ़ने से फसलों के प्रभावित होने की संभावना जताई जा रही है। मौसम विभाग ने प्रदेश में आज शुष्क वातावरण का अलर्ट है। यानी फिर से तेज धूप निकलेगी। जिससे फसलों पर काफी हद तक असर पड़ेगा। वहीं, प्रदेश में तापमान 14.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, दिन में कुछ समय के लिए बादल छाने की संभावना है।
अधिकतम तापमान 23.42 सेल्सियस रहने की उम्मीद है। हरियाणा में कल का न्यूनतम तापमान 15.52 सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 29.91 सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह के समय आर्द्रता 28% दर्ज की गई। वहीं कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि गेहूं की फसल फूल अवस्था में है और इस समय तापमान में असामान्य वृद्धि फसल के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
गेहूं की गुणवत्ता और उत्पादन में कमी आने की संभावना
वैज्ञानिक के अनुसार, गेहूं की फसल के लिए शुरूआत में ठंडा और नम मौसम तथा बाद में सूखा और गर्म मौसम उपयुक्त होता है। लेकिन यदि शुरू से ही मौसम गर्म और सूखा रहे तो फसल का विकास प्रभावित होता है। इससे बीज समय से पहले पकने लगते हैं, उनकी सतह सिकुड़ जाती है और वजन भी कम हो जाता है, जिससे उत्पादन में भारी कमी आती है।
फरवरी माह में तापमान की असामान्य वृद्धि और तेज हवाओं से गेहूं की फसल को विशेष नुकसान होता है। अधिक गर्मी से फसल मुरझा जाती है और दाना कमजोर पड़ जाता है। इससे फसल की लंबाई छोटी हो जाती है और वह जल्दी पक जाती है। साथ ही गेहूं की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों प्रभावित होते हैं।
2 प्रतिशत यूरिया और 2 प्रतिशत म्यूरेट आॅफ पोटाश का छिड़काव करें किसान
किसानों को सलाह दी गई है कि तापमान बढ़ने की स्थिति में गेहूं के खेत में 2 प्रतिशत यूरिया और 2 प्रतिशत म्यूरेट आॅफ पोटाश का छिड़काव करें। साथ ही शाम के समय, जब हवा कम हो, तब हल्की सिंचाई करें। इन उपायों से फसल को नुकसान से बचाया जा सकता है।
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