- दिल्ली सहित कई राज्यों में मानसूनी बारिश की शुरुआत
- असम, सिक्किम व तमिलनाडु में भारी बारिश का अनुमान
Aaj Samaj (आज समाज), Weather Report Update, नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश व बिहार सहित देश के कई राज्यों में हीटवेव यानी लू लगातार लोगों के लिए आफत बनी है और फिलहाल इससे राहत के आसार नहीं हैं। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने 10 राज्यों में दो दिन भीषण लू चलने की संभावना जताई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया आज संबंधित अफसरों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर स्थिति का जायजा लेंगे। बिहार में गुरुवार से सोमवार तक पांच दिन में गर्मी से 72 लोगों की मौत हो चुकी है। पूर्वोत्तर राज्य मेघालय, असम सिक्किम और तमिलनाडु में भारी बारिश हो सकती है।
हीटवेव से बचने के उपाय
- कड़ी धूप में खासकर 12 से 3 बजे तक बेवजह बाहर न निकलें
- हीटवेव से बचने के लिए प्यास न लगने पर भी खूब पानी पीते रहें
- हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनें। धूप में छाता व चश्मा लगाएं
- जूते व चप्पल पहनें। शराब, चाय व काफी के सेवन से दूरी बनाएं
- घर से बाहर टोपी, गमछा व छाते के साथ गीले कपड़े साथ रखें
- गीले कपड़े को बार-बार अपने चेहरे, सिर और गर्दन में रखते रहें
- घर में बने लस्सी, नमक-चीनी घोल, आम का पना व नींबू पानी पिएं
- घर में गोवंशीय पशु या श्वान हैं तो उन्हें भी छांव में रखें, खूब पानी दें
- घर ठंडा रखने के लिए पर्दे, शटर लगाएं, रात में खिड़कियां खुली रखें
चक्रवात के चलते अटके मानसून ने पकड़ी गति
अरब सागर से उठे चक्रवात बिपरजॉय के चलते आठ दिन तक अटके दक्षिण-पश्चिम मानसून ने अब तेजी से रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है। मौसम विभाग के अनुसार बिहार, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल में गंगा तट वाले हिस्से और उत्तर-पूर्वी 8 राज्यों में अगले 15 दिन में तेज और लगातार बारिश होने की आशंका है। देश की राजधानी दिल्ली, बिहार व पूर्वी यूपी समेत कुछ राज्यों में मानसूनी बारिश की शुरुआत कल से हो गई। बंगाल के तटवर्ती इलाकों में भी बारिश हुई।
बारिश की कमी को पूरी कर रहा चक्रवात बिपरजॉय
आईएमडी के अनुसार बिपरजॉय के प्रभाव से देश में बारिश की कमी को पूरी हो रही है।बीते चार दिन में इसके प्रभाव से राजस्थान और गुजरात में इतनी बारिश हो चुकी है कि इससे देशभर में कमजोर मानसून के चलते हुई बारिश की कमी में 20 फीसदी की भरपाई हो गई है। केवल उत्तर-पश्चिम भारत में ही कोटे से 37 फीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है।
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