Aaj Samaj (आज समाज), Weather Report, नई दिल्ली: समूचे उत्तर भारत में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। कहीं धूल भरी आंधी चल रही तो कहीं बारिश हो जाती है। इसी के साथ गर्मी भी लगातार बढ़ रही है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार क्षेत्र में अगले 4-5 दिन तक आंशिक रूप से बादल छाए रहने व शाम तक हल्की बारिश होने की संभावना है। इसी के साथ रविवार तक अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है।
तीव्र गर्मी से धूल भरी परिस्थितियां, राजस्थान में 3 दिन का अलर्ट
मौसम विज्ञान कार्यालय ने सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं जिसमें उत्तर-पश्चिम भारत के बड़े हिस्से में धूल की मोटी परत दिखाई दे रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि गत पांच दिन में उत्तर-पश्चिम भारत में तीव्र गर्मी के कारण धूल भरी परिस्थितियां बनी है। राजस्थान मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों में अगले तीन दिनों के लिए धूल भरी आंधी चलने का येलो अलट जारी किया है। अजमेर, अलवर, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुनू, करौली, कोटा, सवाई माधोपुर में धूल भरी आंधी चलेगी।
बिहार और उत्तर प्रदेश का मौसम
बिहार की राजधानी पटना समेत प्रदेश का मौसम शुष्क बना रहा। पुरवा के कारण पटना व इसके आसपास इलाकों में उमस भरी गर्मी से लोग परेशान रहे। मौसम विज्ञान केंद्र पटना का कहना है कि एक ट्रफ रेखा उत्तर बिहार से मध्य छत्तीसगढ़ तक फैला हुई है और इसके प्रभाव से 17-20 मई के दौरान वर्षा की गतिविधियां बनी रहेगी। अगले 24 घंटों में प्रदेश के उत्तरी भागों में मेघ गर्जन के साथ आंधी व बारिश को लेकर चेतावनी जारी की गई है। इस दौरान हवा की गति 30-40 किमी प्रतिघंटा रह सकती है। है। यूपी मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में अगले पांच दिन तक हल्के बादल छाए रहने के आसार हैं, लेकिन बारिश की कोई संभावना नहीं है।
चार जून को केरल में दस्तक दे सकता है मानसून
आईएमडी के अनुसार इस साल दक्षिण पश्चिम मानसून के चार जून तक केरल में दस्तक देने की संभावना है। सामान्य तौर पर दक्षिण पश्चिम मानसून एक जून को केरल में प्रवेश करता है। इसमें आमतौर पर लगभग सात दिन की देरी या जल्दी होती है। पिछले साल 29 मई को मानसून केरल में पहुंचा था। 2021 में यह तीन जून और 2020 में एक जून को मानसून ने केरल में दस्तक दी थी। भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून का आगे बढ़ना केरल के ऊपर मानसून के आरंभ से चिह्नित होता है और यह एक गर्म और शुष्क मौसम से वर्षा के मौसम में बदलने वाला एक महत्वपूर्ण संकेत है।
अल नीनो के बावजूद इस बार सामान्य बारिश होने की उम्मीद
आइएमडी के मुताबिक भारत में अल नीनो की स्थिति के बावजूद दक्षिण पश्चिम मानसून के मौसम के दौरान सामान्य बारिश होने की उम्मीद है। वर्षा सिंचित कृषि का भारत की कृषि में महत्वपूर्ण स्थान है। शुद्ध खेती क्षेत्र का 52 प्रतिशत इस पद्धति पर निर्भर है। इसका देश के कुल खाद्य उत्पादन में योगदान लगभग 40 प्रतिशत है जोकि इसे भारत की खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बनाता है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव एम राजीवन ने कहा कि यह संभावना नहीं है कि मानसून में देरी चक्रवात मोचा के कारण हो रही है। यदि चक्रवात 20 से 25 मई के आसपास आया होता तो यह जरूर मानसून को प्रभावित करता लेकिन चक्रवात पहले ही खत्म हो चुका है।
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