Aaj Samaj (आज समाज), Weather North India, नई दिल्ली: हिमाचल, उत्तराखंड, हरियाणा और पंजाब सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में तीन दिन हुई बारिश के चलते दुश्वारियां बरकरार हैं। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अब भी सैकड़ों सड़कें बंद हैं। खराब मौसम के चलते बीते 4 दिन में देश के अलग-अलग राज्यों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। मौसम के दो दिन मौसम साफ रहने के बाद बीते कल शाम को हिमाचल में कांगड़ा जिले के अलावा अन्य इलाकों में फिर बारिश हुई।

  • यमुना में 3.21 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से बढ़ा दिल्ली में बाढ़ का खतरा
  • दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर 208.46 मीटर
  • हरियाणा के भी कई इलाकों के लिए आफत बना यमुना का बढ़ा जलस्तर

हिमाचल में अब भी भारी बारिश का रेड अलर्ट, 88 मौतें

मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश में अब भी भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। शिमला, सिरमौर, किन्नौर में बाढ़ की चेतावनी दी गई  है। बीते कुछ दिन से बर्षाजनित हादसों में 24 जून से 88 लोगों की मौत हो चुकी है। उधर हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में 3.21 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से राजधानी दिल्ली में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

हरियाणा के भी कई इलाकों के लिए यमुना का बढ़ा जलस्तर  आफत बन गया है। करनाल, पानीपत व सोनीपत जिलों में यमुना से सटे खेतों में पानी लबालब हो गया है। फसलें जलमग्न हो गई हैं। दिल्ली में 45 साल बाद यमुना का जलस्तर 208.46 मीटर पहुंच गया है। इससे पहले 1978 में राजधानी में यमुना का हाईएस्ट वाटर लेवल 207.49 मीटर पहुंचा था। दिल्ली में नदी का पानी रिंग रोड पर पहुंच गया है।

बाढ़ का कारण हरियाणा से बारिश का पानी छोड़ना : केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि हरियाणा से बारिश का पानी छोड़ा जा रहा है जिसके कारण दिल्ली में बाढ़ की स्थिति पैदा हुई है। यहां बाढ़ का कारण बारिश नहीं है। उन्होंने ट्वीट कर यह भी कहा कि बुधवार रात तक यमुना का वाटर लेवल 207.81 मीटर तक पहुंच जाएगा। यह खतरे के निशान से 205 मीटर से 3 मीटर ज्यादा है।

अमित शाह को लिखा पत्र

केजरीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर केंद्र सरकार से मदद का आग्रह किया है। किनारे निचले इलाकों में रह रहे लोगों से तुरंत इलाके खाली करके सुरक्षित जगहों पर जाने का कहा गया है। यमुना वजीराबाद से ओखला तक 22 किमी में है। केंद्रीय जल आयोग को आशंका है कि गुरुवार दोपहर तक जलस्तर 209 मीटर पहुंचने पर ज्यादातर इलाके जलमग्न हो जाएंगे। यहां ठऊफऋ की 12 टीमें तैनात की गई हैं। 2,700 राहत शिविर लगाए गए हैं।

उत्तराखंड : 179 सड़कें अवरुद्ध, 323 गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कटा

उत्तराखंड में वर्षा के चलते चार राज्यमार्ग और 170 संपर्क मार्ग समेत 179 सड़कें अवरुद्ध हैं। साथ ही 323 गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। चारधाम यात्रा मार्ग पर तीर्थ यात्रियों के साथ गंगाजल भरने जाने वाले कांवड़ियों को भी दिक्कत हो रही है। गंगोत्री हाईवे पर सुनगर और गंगानाली में लगभग 2000 कांवड़िये फंस गए हैं। साथ ही धराली के पास खीरगंगा के उफान में भी 400 कांवड़ यात्री फंसे हैं।

बुधवार शाम को टिहरी जिले के मुल्यागांव, छिनका और रुद्रप्रयाग जिले में सिरोबगड़ व चमोली जिले में कचनगंगा, टंगड़ी पातालगगंगा, छिनका, पीपलकोटी, पागलनाला में मलबा आने से बदरीनाथ हाईवे अवरुद्ध हो गया है। इसके चमोली जिले में विभिन्न स्थानों पर 3000 तीर्थयात्रियों को रोका गया है। यमुनोत्री हाईवे झंझर गाड के पास, सिलक्यारा, कुथनौर और रानाचट्टी के पास भी अवरुद्ध है।

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