आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली, (Weather 9 February Update): पिछले कुछ दिन से धूप खिलने के बाद उत्तर भारत के ज्यादातर मैदानी इलाकों में दिन में ठंड से राहत है। हालांकि बीच में अचानक मौसम बदलने से सुबह-शाम ठंड महसूस की जा रही है। मौसम विभाग का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी और हल्की बारिश का दौर कुछ दिन जारी रहेगा।
हिमालयी क्षेत्र में सक्रिय रहेगा एक पश्चिमी विक्षोभ
आईएमडी के अधिकारियों के अनुसार हिमालयी क्षेत्र में एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहेगा, जिसके चलते जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में हिमपात हो सकता है। आईएमडी के मुताबिक आज और कल पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में छिटपुट से लेकर व्यापक बारिश व बर्फबारी हो सकती है।
उत्तर प्रदेश और बिहार में ऐसा रहेगा मौसम
आईएमडी का कहना है कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों के तापमान में आने वाले वक्त में वृद्धि की संभावना है। वहीं, बिहार में अगले चार दिन तक मौसम के शुष्क रहने की संभवाना है। हालांकि, सुबह और शाम में ठंड बरकरार रहेगी।
पूर्वोत्तर व अंडमान-निकोबार की स्थिति
मौसम विभाग ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत में कुछ जगहों पर हल्की बूंदाबांदी की संभावना है। आईएमडी अधिकारियों के अनुसार, असम, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरूणाचल प्रदेश, नगालौंड और मेघालय में अगले पांच दिन में हल्की बूंदाबांदी की संभावना है।
दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में सुधार से मौसम खुशनुमा
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज आंशिक बादल छाए रहेंगे। अधिकतम तापमान 28 और न्यूनतम 10 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। इसके बाद आकाश साफ हो जाएगा, जिससे तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी होगी। मध्यम स्तर की हवा चलने से पिछले दिन के मुकाबले दिल्ली के न्यूनतम तापमान में 3.1 डिग्री और अधिकतम तापमान में करीब एक डिग्री की गिरावट हुई। फिर भी तापमान सामान्य से डिग्री सेल्सियस अधिक रहा, जिससे कल मौसम खुशनुमा रहा। इसके अलावा प्रदूषण का स्तर भी कम हुआ। इस वजह से दिल्ली एनसीआर में हवा की गुणवत्ता खराब से मध्यम श्रेणी में आ गई।
डोडा में धंसने नहीं भूस्खलन से आई घरों में दरारें : विशेषज्ञ
डोडा के ठाठरी के घरों में दरारें भू-धंसाव से नहीं, बल्कि जमीन खिसकने से आई हैं। जम्मू विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों की ओर से प्रभावित इलाके में की गई जांच में यह दावा किया गया है। विवि के वरिष्ठ भू-विशेषज्ञ प्रो. जीएम भट के नेतृत्व में डॉ. युद्धवीर सिंह की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर नमूने लिए हैं, जिन पर अभी आगे भी जांच की जा रही है।
डॉक्टर सिंह ने कहा कि ठाठरी की नई बस्ती ढलान पर बसी है, जहां कुछ साल पहले पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं थी। इस कारण बारिश का पानी जमीन के अंदर रिसता रहा, जिसका प्रभाव अब दिखना शुरू हो गया है। अगर जल्द जल निकासी के उचित प्रबंध नहीं किए गए तो बड़े भूस्खलन का खतरा है।
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