Weather 13 April Update: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के कई हिस्सों में आज तड़के बेमौसम बारिश ने लोगों को गर्मी व उमस से राहत दिलाई। वहीं दूसरी तरफ भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने पश्चिम बंगाल, बिहार व आसपास के राज्यों में आने वाले दिनों में लू के थपेड़ों की चेतावनी दी है। आईएमडी ने मुंबई में हुई बारिश के बाद बताया कि इससे शहर में गर्म और उमस से भरे मौसम से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। अधिकारियों के मुताबिक, 24 घंटों में मुंबई में 14.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो अप्रैल में अब तक की सबसे अधिक बारिश है।
- अप्रैल में अब तक की सबसे अधिक बारिश : आईएमडी
- पहले इस माह 1974 में गिरा था सबसे अधिक पानी
1974 में मुंबई में अब तक की सबसे अधिक बारिश हुई थी
22 अप्रैल, 1974 को इससे पहले मुंबई में अब तक की सबसे अधिक बारिश 7.2 मिमी हुई थी। वहीं कुछ देर हुई तेज बारिश के कारण कुछ निचले इलाकों में पानी जमा हो गया। नगर निकाय ने कहा कि शहर और उपनगरों में कहीं भी भारी जलभराव की कोई शिकायत नहीं है। वहीं कुछ लोगों ने बताया कि मुंबई के कुछ हिस्सों में आंधी और तेज हवाएं चलीं और इसके परिणामस्वरूप मरोल जैसे कुछ क्षेत्रों में पेड़ और शाखाएं गिर गईं।
अगले 3-4 दिन में इन जगह लू के थपेड़ों की संभावना
लू के थपेड़ों की संभावना पर मौसम विभाग ने कहा है कि अगले तीन से चार दिन में गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और बिहार में लू चल सकती है। वहीं, इस अवधि के दौरान मध्य, पूर्व और उत्तर-पश्चिम भारत के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक लू चलने की संभावना है।यदि किसी मैदानी इलाके में अधिकतम तापमान कम से कम 40 डिग्री तक पहुंचता है तो हीट वेव घोषित किया जाता है। वहीं, पहाड़ों में 30 डिग्री और तटीय इलाकों में 37 डिग्री पारा पहुंचने पर लू चलने लगती है। लू का स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर पड़ता है। अगर किसी इलाके में तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, तो इसे खतरनाक लू की श्रेणी में रखा जाता है।
122 वर्षों के बाद फरवरी सबसे गर्म
मौसम विभाग ने बताया कि साल 2023 में फरवरी 1901 के बाद सबसे गर्म महीना था। हालांकि, मार्च में हुई बारिश से तापमान नियंत्रण में आया। पिछले साल 2022 में मार्च 121 सालों में सबसे गर्म और सूखा था। इससे पहले, मौसम विभाग ने देश में मानसून के सामान्य रहने की भविष्यवाणी की है। विभाग ने इस साल औसत 96 फीसदी बारिश की भी संभावना जताई है। विभाग ने बताया कि मानसून पर अल नीनो का असर पड़ता है, लेकिन यह कहना कठिन होगा कि इसके कारण बारिश कम होगी।
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