दावोस। स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक में यह दावा किया गया है कि डाटा चोरी के अधिकतर कारण कमजोर पासवर्ड है। इस बात की पुष्टि साइबर सुरक्षा पर जारी एक अध्ययन रिपोर्ट में की गई है। शोधकतार्ओं ने कहा, पासवर्ड न होना कमजोर या संवेदनशील पासवर्ड रखने से ज्यादा बेहतर है। पासवर्ड के जंजाल से मुक्त होकर और वन टाइम पासवर्ड व फिंगरप्रिंट सहित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित अन्य प्रमाणन प्रणालियां अपनाकर लोग न सिर्फ अपने अकाउंट या उपकरण को ज्यादा सुरक्षित बना सकते हैं।साल 2020 में साइबर अपराधों से वैश्विक अर्थव्यवस्था को हर सेकेंड 29 लाख डॉलर (लगभग 2030 लाख रुपये) का नुकसान होने का अनुमान है।
डब्ल्यूईएफ के अनुसार पिनकोड, पासकोड, पासफ्रेज सहित अन्य पासवर्ड आधारित प्रमाणन प्रणालियों का इस्तेमाल न सिर्फ यूजर के लिए बड़ा सिरदर्द है, बल्कि इनके रखरखाव पर कंपनियों को भी भारी-भरकम खर्च भी करना पड़ता है। बड़ी कंपनियों में आईटी हेल्पडेस्क पर खर्च होने वाली कुल धनराशि का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ पासवर्ड को बार-बार सेट करने में व्यय होता है।
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