Punjab News Update : पराली से बायोगैस उत्पन्न करेंगे : अरोड़ा

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Punjab News Update : पराली से बायोगैस उत्पन्न करेंगे : अरोड़ा
Punjab News Update : पराली से बायोगैस उत्पन्न करेंगे : अरोड़ा

प्रतिदिन 720 टन सीबीजी उत्पादन की कुल क्षमता वाले 58 प्रोजेक्ट अलॉट

सालाना 25 लाख टन पराली की करेंगे खपत

Punjab News Update (आज समाज), चंडीगढ़: प्रदेश में पराली के स्थाई हल के लिए पंजाब सरकार ने बायोफ्यूलज नीति तैयार की है, जिसका उद्देश्य साल 2035 तक सूबे की संपूर्ण ईंधन मांग का 20 प्रतिशत बायोफ्यूलज के माध्यम से पूरा करना है। यह जानकारी नई और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री अमन अरोड़ा ने दी। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश में पराली व अन्य फसली अवशेषों के स्थाई प्रबंधन को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब एक कृषि प्रधान प्रदेश है, इसलिए यहां बायोफयूलज के उत्पादन की अथाह संभावनाएं हैं।

सूबे में सालाना लगभग 20 मिलियन टन धान की पराली पैदा होती है, जिसमें से वर्तमान समय लगभग 12 मिलियन टन पराली की विभिन्न तरीकों से उपयोग की जाती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) प्रोजेक्ट पराली जलाने की समस्या का सबसे प्रभावशाली हल है। धान की पराली और अन्य कृषि अवशेषों के आधार पर पंजाब ने प्रति दिन लगभग 720 टन सी.बी.जी. की कुल उत्पादन क्षमता वाले 58 सीबीजी प्रोजेक्ट अलॉट किए हैं। इनके क्रियाशील होने पर हर साल लगभग 24-25 लाख टन पराली की खपत होगी, जबकि लगभग 5,000 व्यक्तियों के लिए प्रत्यक्ष और 7,500 अन्य व्यक्तियों के लिए अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के मौके भी पैदा होंगे।

किसानों को सरकार का साथ देने की अपील

प्रदेश के किसानों, उद्योगों और अन्य भाईचारे को सरकार का साथ देने और सुनहरे भविष्य के लिए जैविक ईंधन पहलकदमियों को अपनाने की अपील करते हुए अमन अरोड़ा ने पंजाब में नई हरित क्रांति लाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गेहूं-धान के पारंपरिक फसली चक्र के कारण धरती के नीचे पानी का स्तर और मिट्टी की उपजाऊ शक्ति लगातार घटते जा रहे हैं। पारंपरिक ईंधन के मुकाबले बायोफयूलज कम ग्रीनहाउस गैसें पैदा करते हैं। इस प्रकार यह कृषि अवशेषों को ऊर्जा में बदलकर पर्यावरण पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभाव को घटाकर और टिकाऊ कृषि अभ्यासों को प्रोत्साहित करके अर्थव्यवस्था में योगदान देते हैं।

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