नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार बनाने में गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों पार्टियां अपनी बातों पर अड़ी हुई हैं। कोई भी हल निकाले की कोशिश नहीं हो रही है। शिवसेना और भाजपा के बीच समस्या मुख्य रूप से मुख्यमंत्री पद है। जिसे लेकर खींचतान चल रही है। शिवसेना बार-बार कह रही है कि मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा। शिवसेना 50:50 के फॉमूर्ले पर अड़ी हुई है। बुधवार को शिवसेना नेता संजय राउत ने फिर कहा है कि हम केवल उस प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे जिसे हमने विधानसभा चुनाव से पहले स्वीकार किया था। अब नए प्रस्तावों का आदान-प्रदान नहीं किया जाएगा। भाजपा और शिवसेना ने चुनावों से पहले सीएम के पद पर एक समझौता किया था और उसके बाद ही हम चुनाव के लिए गठबंधन के लिए आगे बढ़े थे। उन्होंने कहा कि अगर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा तो हम जिम्मेदार नहीं होंगे और यह लोगों के साथ अन्याय होगा।