नई दिल्ली। केंद्र द्वारा लाए गए नए तीन कृषि कानूनों का विरोध किसानों द्वारा किया जा रहा है। पंजाब, हरियाणा आदि केकिसान दिल्ली बार्डर पर बीते चालीस दिनोंसे डटे हुए हैं। किसानों की मांग है कि सरकार इन कानूनों को वापस ले जबकि सरकार की ओर से साफ कर दिया गया है कि वह कानून वापस नहीं लेंगे हां सरकार कानूनों में संशोधन को लेकर खुले दिल से विचार करने को तैयार है। इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह नेअपनी मांग दोहराते हुए कहा कि केंद्र सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए। साथ ही उनका कहना था कि इसका समाधान प्रधानमंत्री के स्तर पर ढूंढना होगा। प्रधानमंत्री को अपने मंत्रियों व गृह मंत्री के साथ बैठक कर समाधान खोजना चाहिए। पंजाब सीएम ने कहा कि यह तीनों कृषि कानून किसान विरोधी हैं।
हम इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। कैप्टन ने कहा कि किसानों के साथ मेरी सौ प्रतिशत सहानुभूति है। उन्हें विरोध करने का पूरा अधिकार है। दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान अपना बलिदान दे रहे है। अब तक किसान आंदोलन में 55 किसानों की मौत हो गई है। किसान आंदोलन में वृद्ध और महिलाएंभी इसका विरोध कर रहीं हैं। वे इन तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। देश के लोगों के प्रति सरकार की जवाबदेही है। ऐसा नहीं हो सकता कि देश का पूरा किसान समुदाय मांग कर रहा है और सरकार गैर-जिम्मेदार हो। साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब की कानून-व्यवस्था बनाए र खना मेरा कर्तव्य है और मैं किसी तरह की गड़बड़ी नहीं होने दूंगा। मैंने आॅपरेशन ब्लू स्टार, आतंकवाद का समय, सीएम की हत्या देखी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान रोजाना ड्रोन भेज रहा है। ये ड्रोन पंजाब में या तो कश्मीर में देखे जाते हैं। कैप्टन ने कहा कि कोई ऐसा कानून नहीं है जिसे छुआ नहीं जा सकता। संविधान को 1950 में पेश करने के बाद 100 संशोधन हो चुके हैं। ऐसा क्या है कि इन कृषि कानूनों में संशोधन नहीं किया जा सकता है। केंद्र को इन कानूनों को वापस ही लेना होगा।