कहा, हमने निर्णय लिया है कि हम टैरिफ मुद्दों पर ट्रंप प्रशासन के साथ शीघ्र ही बातचीत करेंगे
Business News Today (आज समाज), बिजनेस डेस्क : एक तरफ जहां अमेरिकी टैरिफ नीति के लागू होने से विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थााओं में हलचल मची हुई है वहीं चीन ने अमेरिका के खिलाफ टैरिप युद्ध की शुरुआत कर दी है। भारत सहित विश्व के सभी प्रमुख इस स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। इसी बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर क एक बड़ा बयान सामने आया है।
विदेश मंत्री ने अमेरिका की ओर से दुनियाभर के देशों पर लगाए गए जवाबी टैरिफ पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के पारस्परिक शुल्कों का प्रभाव अभी ज्ञात नहीं है। विदेश मंत्री के अनुसार इस स्थिति से निपटने के लिए नई दिल्ली की रणनीति इस साल के अंत तक वाशिंगटन के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देना है।
9 अप्रैल से 5 देशो पर लागू की है नई टैरिफ नीति
टैरिफ पर अमेरिकी नीति के बारे में बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि ट्रम्प के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद भारत शायद एकमात्र देश है जो वाशिंगटन के साथ व्यापार समझौते पर सहमति बना पाया है। विदेश मंत्री की यह टिप्पणी ट्रंप की ओर से भारत सहित लगभग पांच देशों के खिलाफ लगाए गए व्यापक टैरिफ के लागू होने के कुछ घंटों बाद आई है। टैरिफ के लागू होने से बड़े पैमाने पर व्यापार से जुड़ा व्यवधान उत्पन्न हो गया है और वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका बढ़ गई है।
अमेरिका से द्विपक्षीय समझौता सबसे अहम
भारत उन देशों में शामिल है, जिन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था में संभावित भूचाल पर प्रतिक्रिया देते हुए सतर्क रुख अपनाया है और कहा है कि वह द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर ट्रम्प प्रशासन के साथ बातचीत कर रहा है। जयशंकर ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि मुझे नहीं लगता कि इस बारे में बात करना संभव है कि इसका क्या प्रभाव होगा, क्योंकि हम नहीं जानते। हमारी रणनीति क्या है? मुझे लगता है कि यह बिल्कुल स्पष्ट है।” उन्होंने कहा कि हमने निर्णय लिया है कि हम इन मुद्दों पर ट्रंप प्रशासन के साथ शीघ्र ही बातचीत करेंगे।
हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि इस वर्ष के अंत तक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत को अंतिम रूप देने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारे मामले में, हमारी रणनीति का एक लक्ष्य है। और लक्ष्य यह देखना है कि क्या द्विपक्षीय व्यापार समझौता करके वास्तव में इस स्थिति से निपटना संभव है। और मैं यह दिलचस्प बात कहना चाहूंगा कि यह लंबे समय से हमारा उद्देश्य रहा है। जयशंकर ने कहा कि ‘वर्तमान स्थिति’ ने व्यापार समझौते पर अधिक गंभीर बातचीत की परिस्थितियां पैदा की है।
ये भी पढ़ें : Gold-Silver Price : सोने के दाम में भारी गिरावट, चांदी मामूली सुधरी
ये भी पढ़ें : Share Market Update : भारतीय शेयर बाजार पर टैरिफ नीति का असर बरकरार