Haryana Assembly Election: हमारे पास सरकार बनाने की सारी व्यवस्थाएं: नायब सैनी

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हमारे पास सरकार बनाने की सारी व्यवस्थाएं: नायब सैनी
Haryana Assembly Election: हमारे पास सरकार बनाने की सारी व्यवस्थाएं: नायब सैनी

हुड्डा बोले-एक्जिट पोल के नतीजों से ज्यादा सीट लेंगे
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: 15वीं हरियाणा विधानसभा को लेकर आगामी 5 अक्टूबर को सभी 90 विधान सभा सीटों पर निर्धारित मतदान के बाद एग्जिट पोल के नतीजे में जहां कांग्रेस पार्टी की सरकार बनती नजर आ रही है तो वहीं दूसरी तरफ लगातार दो बार सत्ता में रहने वाली भारतीय जनता पार्टी ने इन एग्जिट पोल नतीजे को एक तरह से नकारते हुए पूर्ण बहुमत के साथ तीसरी बार सरकार बनाने का दावा किया है। कांग्रेस का दावा है कि उनकी पार्टी को एग्जिट पोल के जो नतीजे आए हैं उससे कहीं ज्यादा सीट मिलेंगी और पार्टी हरियाणा में सरकार बनाएगी। बेशक एग्जिट पोल के नतीजे में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनती दिख रही है लेकिन स्थिति पूरी तरह से 8 अक्टूबर को वोटो की काउंटिंग के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।

कार्यवाहक सीएम नायब सैनी ने कहा कि हमें पूर्ण बहुमत मिल रहा है। हमारे पास सरकार बनाने की सारी व्यवस्थाएं है, बाकी जरूरत पड़ने पर अन्य दलों आईएनएलडी ,जेजेपी और निर्दलीयों के विकल्प पर भी विचार संभव है। वहीं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मेहनत की जिसका लाभ पार्टी को मिला। एग्जिट पोल आते हैं। इस बार उनकी पार्टी सरकार बनाएगी। यह दावा हम लंबे समय से करते रहे हैं। भाजपा की गलत नीतियों और लोगों का शोषण करने का ही नतीजा की भाजपा जा रही है। पार्टी की एग्जिट पोल से भी ज्यादा सीट आयेंगी।

लोकसभा चुनाव में बराबरी का रहा मुकाबला

लोकसभा चुनाव में क्लोज फाइट वाला आंकड़ा सामने आया था। हरियाणा में 5 महीने पहले ही लोकसभा के चुनाव कराए गए थे जहां 10 लोकसभा में से 5 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी। वहीं विधानसभा वार अगर डेटा देखा जाए तो 90 में से 44 सीटों पर बीजेपी को और 42 सीटों पर कांग्रेस को बढ़त मिली थी। 4 सीटों पर कांग्रेस की सहयोगी आम आदमी पार्टी को बढ़त मिली थी। वर्तमान में आप कांग्रेस से अलग होकर चुनाव लड़ रही है। हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं और वहां सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 46 है। इन आंकड़ों को आधार बनाकर देखा जाए तो राज्य में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिल रही है।

भाजपा ने एक्जिट पोल को नकारा

हरियाणा में विधान सभा चुनाव हो चुके हैं। अब एग्जिट पोल के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। ध्रुव रिसर्च के एग्जिट पोल नतीजों में अनुमान जताया गया है कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बन सकती है। ध्रुव रिसर्च के एग्जिट पोल सर्वे नतीजों के मुताबिक कांग्रेस को 57 सीटें मिल सकती हैं, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा को 25 सीटें मिल सकती हैं। सर्वे में कहा गया है कि इन आंकड़ों में पांच सीटों का प्लस माइनस हो सकता है। एजेंसी ने अन्य के खाते में 5 सीटों के जाने का अनुमान जताया है। इसमें भी प्लस माइनस तीन सीटों की गुंजाइश रखी गई है। पीपुल्स पल्स के सर्वे में भी हरियाणा में कांग्रेस को बहुमत मिल रहा है। सर्वे में कांग्रेस को 55, इखढ को 26, इनेलो को 2-3 और अन्य को 4-6 सीटें मिल रही हैं। ध्रुव रिसर्च के पोल में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलता दिख रहा है, तो वहीं बीजेपी के खाते में 27 सीटें आती दिख रही हैं। इनके एग्जिट पोल में अन्य को भी 6 सीटें मिल रही हैं।

निर्दलीय भी निर्णायक भूमिका में

पिछले 15 साल के जो आंकड़े हैं अनुसार हरियाणा में जब-जब निर्दलीय और छोटी पार्टियों के विधायकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, तब-तब राज्य में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया है। इसी कड़ी में बता दें कि 2009 में हरियाणा में विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला और कांग्रेस 40 सीटों पर जीत मिल दर्ज कर सबसे बड़ी पार्टी के रुपए उभरी। इस चुनाव में 7 निर्दलीय, 6 हजका, 2 शिअद और एक बीएसपी के विधायक जीते और इसके अलावा 4 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली। 2014 के चुनाव में निर्दलीय और छोटी पार्टियों के विधायकों की संख्या में गिरावट आई। इस चुनाव में सिर्फ 5 निर्दलीय जीते और हजका को सिर्फ 2 सीटों पर जीत मिली। बीएसपी और शिअद भी एक-एक सीटों पर जीतने में कामयाब रही लेकिन निर्दलीय और छोटी पार्टियों के परफॉर्मेंस में गिरावट की वजह से बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिल गई।

2014 के चुनाव में बीजेपी को 90 में से 47 सीटों पर जीत मिली। वहीं 2019 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय और छोटी पार्टियों का दबदबा बढ़ने की वजह से बीजेपी पूर्ण बहुमत से दूर हो गई। 2019 में निर्दलीय को 7, जेजेपी को 10 और इनेलो-एचएलपी को एक-एक सीटों पर जीत मिली। चुनाव परिणाम का रिवाज भी एक फैक्ट्स पिछले 20 साल का रिकॉर्ड देखा जाए तो 2005 से लेकर अब तक हरियाणा में 4 बार विधानसभा के चुनाव कराए गए हैं. 2005 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई थी।

पार्टी को 90 में से 67 सीटों पर जीत मिली थी. इसके बाद 2009 में विधानसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस बहुमत के आंकड़ों से दूर हो गई। 2014 में जब चुनाव हुए तो बीजेपी ने सबको चौंकाते हुए पूर्ण बहुमत हासिल कर ली. कांग्रेस को 10 साल बाद सत्ता गंवानी पड़ी. बीजेपी को 90 में से 47 सीटों पर जीत मिली. हालांकि, इसके 5 साल बाद हुए चुनाव में बीजेपी भी बहुमत के आंकड़ों से दूर हो गई. 2019 में बीजेपी को सिर्फ 40 सीटों पर जीत मिली। बीजेपी की सत्ता का जो ट्रैक रिकॉर्ड है, वो कांग्रेस की तरह ही है। ऐसे में कहा जा रहा है कि 10 साल बाद बीजेपी की सत्ता पलट भी सकती है।

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