नईदिल्ली। भारत चीन के सैनिक पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भिड़ गए। यह हिंसक झड़प इतनी ज्यादा तीव्र थी कि दोनों सेनाओं के सैनिक हताहत हुए। भारत के बीस जवान शहीद हुए जबकि चीन के 43 जवान हताहत हुए या घायल हुए हैं। इस घटना के बाद से दोनों देशो के बीच तनाव बढ़गया है। हिंसक झड़प के बाद लगातार बैठकों का दौर जारी है। दोनों ही देश बातचीत से इस समस्या का हल चाहते हैं। दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय बैठक चल रही है। प्रधानमंत्री ने सामने आकर कहा कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत शांति चाहता है लेकिन उकसाने पर जवाब देना भी जानता है। इस बीच कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि संकट केसमय कांग्रेस पार्टी सेना और सरकार के साथ है।
उन्होंने कहा कि विश्वास है कि देश दुश्मन का सामना करने के लिए एकजुट होगा। लेकिन उन्होंने मोदी सरकार से सवाल भी किया कि वे बताएं कि सीमा पर स्थिति को निपटने के लिए सरकार की क्या रणनीति है? उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर शहीद जवानों के प्रति अपनी संवेदन व्यक्त की और सरकार से पूछा कि प्रधानमंत्री देश को यह बताएं कि चीन ने कैसे भारतीय जमीन पर कब्जा किया, 20 बहादुर जवान क्यों शहीद हुए? उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए हम सब साथ खड़े हैं। उन्होंने एक बयान में कहा, ”लद्दाख की गलवान घाटी में हमारी सेना के अधिकारी और जवानों की शहादत पर बहुत दुख और गहरी पीड़ा हुई है। उनके अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान को नमन है। उनके परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।