नई दिल्ली। शिवसेना के सांसद संजय राउत अस्पताल से वापस आने के बाद एक बार फिर जोर शोर से भाजपा पर हमले करने लगे। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को कहा कि उन्हें डराने या धमकाने की कोशिश न करें और शिवसेना को अपना राजनीतिक रास्ता चुनने दें। बता दें कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कल कहा था कि चुनावों के पहले बंद कमरे में हुई बातचीत का खुलासा हम अपनी ओर से नहीं कर सकते हैं। यह भाजपा के संस्कारों में नहीं है। जबकि शिवसेना लगातार कह रही है कि चुनावों के पहले ही उन्हें कहा गया था कि मुख्यमंत्री पद की बातचीत के लिए 50-5 का फॉमूला उद्धव ठाकरे ने पहले ही रख दिया था। संयज राउत ने कहा कि अगर उन्हें यह बात नहीं माननी थी तो उन्हें इससे इनकार करना चाहिए था। संजय राउत ने कहा कि शिवसेना लड़ने और मरने के लिए तैयार हैं, लेकिन धमकी या जबरदस्ती की रणनीति को बदार्श्त नहीं करेगी। राउत ने कहा, मैंने सुना कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि देवेंद्र फणनवीस ही महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे। वहीं शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा था कि मुख्यमंत्री के पद के साथ ही सेना को 5०:5० की सत्ता-साझेदारी मिलने की बात हुई थी। संजय राउत ने कहा कि जिस बंद कमरे की बात भाजपा अध्यक्ष कर रहे थे वह कमरा बालासाहेब ठाकरे का कमरा था। वह हमारे लिए कमरा नहीं मंदिर है। हम वहां बैठकर झूठ नहीं बोल सकते। हालांकि, शाह और फडणवीस ने इसे खारिज कर दिया और ठाकरे को झूठा बता कर उन पर भाजपा के साथ गठबंधन खत्म करने का आरोप लगा दिया। राउत ने कहा, आपने बंद दरवाजे के पीछे लिए गए फैसलों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को जानकारी क्यों नहीं दी? चुनाव परिणाम आने तक साझेदारी से मना करने के लिए आप अब तक चुप क्यों रहे? उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा से बंद दरवाजों के पीछे लिए गए फैसलों को जनता के सामने लाने से मना करती है, लेकिन अगर उन्होंने अपने शब्द और वादे पूरे किए होते, तो मामला कभी भी खुलकर सामने नहीं आता। बता दें कि संजय राउत सोमवार को एंजियोप्लास्टी कराने के बाद पहली बार मीडिया से मुखातिब हुए।