सरकार की एक प्रमुख योजना ‘आयुष्मान भारत’ के सीईओ इंदु भूषण ने दैनिक गार्जियन व आज समाज से बातचीत करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण नोवेल कोरोना वॉयरस से लड़ने और वंचितों की मदद के लिए आंकड़ें पर निगरानी रखने में प्रमुख भूमिका निभा रहा है। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश-
प्रश्न: वर्तमान परिस्थिति के मद्देनजर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण इस सम्बंध में क्या विचार कर रहा है?
उत्तर: संकट के समाधान के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय और परिवार कल्याण मंत्रालय पूरी तरह जिम्मेदारी से काम कर रहा है। हमने देश में लगभग 50 करोड़ लोगों के परीक्षण और उपचार के लिए विशेष पैकेज तैयार किए हैं। हम इन परिवारों को आश्वासन देना चाहते हैं कि उन्हें ये तनिक भी न लगे कि वो इस योजना के काबिल नहीं हैं। इसलिए इन परिवारों को परीक्षण या उपचार में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं होने देंगे।
प्रश्न: आप क्या मानते हैं कि राज्यों को भी इस संकट में अपनी भूमिका निभानी चाहिए ?
उत्तर: सभी राज्य सरकारें इस प्रक्रिया का बखूबी आगे बढ़कर नेतृत्व कर रही हैं। स्वास्थ्य का ध्यान हमारे संविधान की राज्य सूची के अधीन होने के कारण सभी अत्यंत कुशल ढंग से देख रहे हैं। केन्द्र सरकार राज्य सरकारों को दिशा-निर्देश आदि उपलब्ध करा रही है।हम जो चाहते हैं और जिनकी उन्हें जरूरत है, उनका समर्थन कर रहे हैं।हम राज्य सरकारों को भी सटीक आंकड़े देते हुए उन्हें मदद कर रहे हैं और उन क्षेत्रों पर लगातार नजर रखते हैं, जो बहुत अधिक संवेदनशील हैं।
प्रश्न: राज्यों के साथ समन्वय कैसे किया जा रहा है?
उत्तर: समन्वय विभिन्न स्तरों पर हो रहा है। आवश्यक आंकड़ों का आदान-प्रदान तथा प्रोटोकॉलों का पालन सभी स्तरों पर किया जा रहा है।केंद्र मार्गदर्शक सिद्धांतों की रूपरेखा बनाता है और राज्य उनका अनुसरण करते हैं। हम प्रवासी कर्मचारियों के एक राज्य से दूसरे राज्य की यात्रा पर कड़ी नजर रख रहे हैं और सप्लाई चेन को यथासंभव सुचारू रूप से बनाए रखने का प्रयास कर रहे हैं।
प्रश्न:,जहां तक निजी क्षेत्र की भागीदारी का सवाल है, एनएचए वास्तव में किस प्रकार अपनी भागीदारी बढ़ाने के लिए काम कर रहा है?
उत्तर: यह एक बहुत महत्त्वपूर्ण प्रश्न है क्योंकि इस व्यापक महामारी के चलते निजी क्षेत्र की अब विशेष भूमिका है। अगर आप स्वास्थ्य नजरिए से देखें तो इस विषय पर सार्वजनिक क्षेत्र पर काफी बोझ है। यह लगभग 80% है और इसके मशीनी उपयोग के लिए स्टैंडबाय पर मौजूद है।
निजी क्षेत्र को बड़ी भूमिका निभानी है और मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि उन्हें न केवल कोविड-19 के इलाज के लिए बल्कि गैर तकनीकी मामलों के लिए भी कदम उठाने की जरूरत है। जैसा कि हम सभी जानते हैं बहुत सारे पब्लिक अस्पतालों ने पूरी तरह कोविड-19 अस्पताल बना लिए हैं, क्योंकि उन मरीजों को कहीं और जाना पड़ता है और वे प्रतीक्षा नहीं कर सकते। इसलिए, हम काम आने वाले अस्पतालों पर विशेष फ़ोकस कर रहे हैं।
प्रश्न: प्रौद्योगिकी का उपयोग क्या किया जा रहा है?
उत्तर: हमें सूचना प्रौद्योगिकी की बुनियादी सुविधाओं पर गर्व है क्योंकि यह करीब 50 करोड़ लोगों को 21,000 से अधिक अस्पतालों और 28 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से जोड़ता है।हमारे पास दैनिक आधार पर भारी मात्रा में डेटा तैयार किया गया है जो हमें संभावित रूप से जोखिम वाले लोगों की संख्या को दर्शाता है।हमने सभी संवेदनशील समूहों का विश्लेषण किया है और अपने बुनियादी ढांचे में सुधार कर रहे हैं।
प्रश्न: पिछले डेढ़ साल में करीब एक करोड़ का इलाज किया गया है, इस बारे में आपको क्या कहना है?
उत्तर: इन उपचारों का श्रेय हमारी टीम और हमारे आईटी फ्रेमवर्क को जाता है।यह सरकार स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में डिजीटल प्रगति के प्रति बहुत प्रतिबद्ध है तथा हम इस दृष्टिकोण को मजबूत करने के प्रति आश्वस्त हैं।इस सरकार के समर्पण और समर्थन से हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम अपनी विशाल जनसंख्या को अत्यंत कुशल तरीके से पूरा कर सकें और स्वास्थ्य देखभाल के लिए इस देश के प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तापूर्ण पहुंच प्रदान कर सकें।