भोपाल। कांग्रेस शासित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक बार फिर कहा कि मध्य प्रदेश में सीएए लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने साथ ही एनपीआर और एनआरसी के साथ क्रियान्यवन पर भी सवाल उठाया। कमलनाथ ने कहा कि एनपीआर को हम भी लाना चाहते हैं लेकिन इसके साथ नागरिकता पंजी (एनआरसी) को नहीं जोड़ना चाहिए। कांग्रेस की ओर से सीएए के खिलाफ पैदल मार्च किया और समापन होने पर मुख्यमंत्री ने यह कहा। पैदल मार्च शुरू होने के पहले रंगमहल चौराहे पर उपस्थित जनसमूह के सामने कमलनाथ ने देश के बुनियादी ढांचे के विरोधी सीएए कानून के खिलाफ अंत तक लड़ने की शपथ ली। उन्होंने कहा कि भारत की पहचान उसके संविधान से है, जो विभिन्न संस्कृतियों को जोड़ता है और देश की एकता सुनिश्चित करता है।
उन्होंने मीडिया से कहा कि ”सरकार जो एनपीआर लाये, ये तो हम भी चाहते थे, पर उसके साथ कोई एनआरसी नहीं जोड़ा था जो ये जोड़कर ला रहे हैं। ये इनकी नीयत साबित करती है। एजेंसी के अनुसार, केंद्र की मंशा पर सवाल उठाते हुए कमलनाथ ने कहा कि केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री संसद में पहले ही बता चुके हैं कि पूरे देश में एनआरसी को लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि संसद में अपने 40 वर्षो के दौरान मैंने कभी सीएए और एनआरसी जैसे संविधान विरोधी कानून नहीं देखा। सवाल यह नहीं है कि क्या लिखा गया है बल्कि क्या नहीं लिखा गया है। सवाल इसके उपयोग का नहीं दुरुपयोग का है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में कृषि क्षेत्र की समस्याएं, निवेश लाने की चुनौतियां, बेरोजगारी तथा आर्थिक मंदी सहित अनेक मुद्दे हैं जबकि केंद्र सरकार इन समस्याओं से देश की जनता का ध्यान भटकाना चाहती है। उन्होंने कहा कि जो जनविरोधी, संविधान विरोधी, समाज विरोधी, धर्म विरोधी कानून हैं, वे मध्यप्रदेश में कभी लागू नहीं होंगे, जब तक कांग्रेस की सरकार है।
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