- अनावरण कार्यक्रम से ऑनलाइन जुड़े रहे संबंधित अधिकारी
- रिड्यूस, रीयूज और रीसाईकिल रणनीति पर चलते हुए जल संरक्षण को दी जा रही नई दिशा : उपायुक्त मोनिका गुप्ता
Aaj Samaj (आज समाज), Water Resources Action , नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
हरियाणा सरकार के निर्देश अनुसार जिला महेंद्रगढ़ पानी की डिमांड व सप्लाई के अंतर को कम करने के लिए जनभागीदारी के साथ आगे बढ़ रहा है। जिला प्रशासन तीन मूल सिद्धांत रिड्यूस, रीयूज और रीसाईकिल की रणनीति पर चलते हुए जल संरक्षण को नई दिशा दे रहा है। यह जानकारी उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने आज चंडीगढ़ से हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा द्विवर्षीय एकीकृत जल संसाधन कार्य योजना 2023-25 के अनावरण के बाद दी। अमृत जल क्रांति के अंतर्गत इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जिसमें संबंधित अधिकारी जुड़े रहे।
डीसी ने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ में डिमांड व सप्लाई के गैप को कम करने के लिए विभिन्न स्तर पर रिचार्जिंग की जा रही है। इसके लिए जिला में सभी सरकारी संस्थानों में रिचार्जिंग बोरवेल लगाए गए हैं।
जल शक्ति अभियान के तहत लोगों को किया जागरूक
इसी प्रकार जोहड़ों को नहरों के साथ जोड़ा जा रहा है ताकि अधिक से अधिक पानी रिचार्ज हो। वहीं बरसाती नालों की पहचान करके उनमें पानी छोड़ा जा रहा है। इनमें मुख्य तौर पर निजामपुर से जोरासी बांध जिसे नारनौल डैम के नाम से जाना जाता है शामिल है। इसी प्रकार मेघोत हाला में बरसाती नाला तथा कोजिंदा में बरसाती नाला भी है।
उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए सबके सहयोग की जरूरत है। हम सभी नागरिक अपने स्तर पर छोटे या बड़े प्रयास करके पानी की बचत कर सकते हैं। इसके लिए जिला में जल शक्ति अभियान के तहत लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि सिंचाई में पानी का कम से कम प्रयोग करने के लिए किसानों को मिकाडा के जरिए सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं के साथ जोड़ा जा रहा है। वहीं जिला में एसटीपी के पानी को भी खेती के लिए प्रयोग करने के लिए कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि हमारे पास सीमित मात्रा में जल संसाधन हैं। ऐसे में जल सुरक्षित भविष्य को ध्यान में रखते हुए हमें जनभागीदारी के साथ कार्य करना है।
सिंचाई के लिए पानी स्टोर करने के लिए पंचायती जमीन पर बनेंगे 12 पक्के टैंक
सिंचाई विभाग के एक्सईएन नितिन भार्गव ने बताया कि अब जल संपन हरियाणा की यात्रा शुरू हो चुकी है। नहर विभाग लगातार विभिन्न तरीकों से जिला में पानी को रिचार्ज करने का कार्य कर रहा है। इसके अलावा विभिन्न माध्यमों से पानी को अधिक से अधिक मात्रा में स्टोर करने का काम किया जा रहा है। अटल भूजल योजना के तहत जिले में बहुत कार्य चल रहे हैं।
उन्होंने बताया कि पानी की कम जरूरत के समय अधिक से अधिक पानी स्टोर करने के लिए जिला में 12 पक्के टैंक पंचायती जमीन पर बनाए जा रहे हैं। बारिश की सीजन में इन टैंकों को भरकर सिंचाई की डिमांड पूरी की जा सकेगी।
उन्होंने बताया कि 5 टैंक पर काम शुरू हो चुका है तथा शेष की स्वीकृति मिलने के बाद काम शुरू हो जाएगा। इनमें नो टैंक अटल भूजल योजना के तहत बनाए जाएंगे तथा 3 टैंक हरियाणा वाटर रिसोर्सेस अथॉरिटी के फंड से बनेंगे। हरियाणा वाटर रिसोर्स अथॉरिटी की ओर से निजामपुर ब्लॉक में ऐसे तीन टैंक बनाने के लिए 11.71 करोड़ रुपए स्वीकृत भी हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि अटल भूजल योजना के तहत जिला में विभिन्न कार्य हो रहे हैं।
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