नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
Water Is Life : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में विश्व जल दिवस के अवसर पर मंगलवार को विशेषज्ञ व्याख्यान व विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने इस अवसर पर पानी के महत्व की ओर से ध्यान आकर्षित करते हुए प्रतिभागियों को जल बचाये कल बचाये का संदेश दिया। कुलपति ने कहा कि जल अनमोल है और इसका विकल्प उपलब्ध नहीं है इसलिए जल बचाये और लोगों को इसके महत्व से अवगत कराए।
मानव कल्याण के लिए जल का संरक्षण जरूरी Water Is Life
प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि जल ही जीवन है और मानव जाति के कल्याण और विकास के लिए इसका संरक्षण अनिवार्य है।
Water Is Life : विश्वविद्यालय के द्वारा विश्व जल दिवस के अवसर पर आयोजित विशेषज्ञ व्याख्यान में विशिष्ट अतिथि के रूप में एनआईटी कुरूक्षेत्र के प्रोफेसर डीवीएस वर्मा उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय के स्कूल आॅफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा इंडियन वाटर रिसोर्सेज सोसाइटी, आईआईटी रूडकी व इंस्टीट्यूशन आॅफ इंजीनियर्स के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट आॅफ फीजिक्स एंड एस्ट्रोफीजिक्स की प्रोफेसर सुनीता श्रीवास्तव ने विश्व जल दिवस की थीम ग्राउंड वाटर मेक इनविजीबल टू विजीबल पर प्रकाश डाला।
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कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की Water Is Life
कार्यक्रम के आरंभ में स्कूल आॅफ इंजीनियरिंग के अधिष्ठाता प्रोफेसर फूल सिंह ने आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत की। इसके पश्चात् सिविल इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विकास गर्ग ने पानी के महत्व के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि अब समय आ गया है कि हम अपनी आने वाली पीढ़ी के विषय में गंभीरता के साथ सोचे और उनके लिए पानी को बचाने पर विशेष ध्यान दें।
जल के महत्व पर केंद्रित रहा कार्यक्रम Water Is Life
प्रो. डीवीएस वर्मा ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों व अन्य प्रतिभागियों को भूजल के महत्व, केंद्रीय भूजल बोर्ड की प्रमुख गतिविधियों, भूजल स्तर निगरानी नेटवर्क, राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना, भूजल को दृश्यमान बनाने के तरीके जैसे भूजल संरक्षण, इससे संबंधित आंकड़ों को जानने व एकत्र करने के उपायों आदि पर विस्तार से प्रकाश डाला।
Water Is Life : प्रो. वर्मा ने अपने संबोधन में जैव विविधता के लिए जल के महत्व और इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला। आयोजन में सिविल इंजीनियरिंग विभाग में सहायक आचार्य डॉ. विकास कुमार, विद्यार्थियों को मनुष्य जीवन के लिए आवश्यक जल के महत्व से अवगत कराया और बताया कि इसके बिना जीवन की कल्पना कर पाना संभव नहीं है।
केवल 2.7 प्रतिशत जल ही पीने योग्य Water Is Life
उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि मनुष्य ने अपनी व्यवसायिक गतिविधियों के द्वारा पृथ्वी पर पाए जाने वाले जल को संकट में डाल दिया है। उन्होंने बताया कि पृथ्वी पर मौजूद कुल जल में से 2.7 प्रतिशत जल ही पीने योग्य है ऐसे में इसके संरक्षण के लिए विशेष प्रयास किए जाने बेहद आवश्यक है। विश्वविद्यालय परिसर में सिविल इंजीनियरिंग विभाग के विद्यार्थियों द्वारा नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया और विभाग में विश्व जल दिवस की थीम पर केंद्रित पेंटिंग कम्पीटिशन का भी आयोजन किया गया, जिसमें 300 से अधिक विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में उपस्थित सदस्यों ने जल सरंक्षण का संकल्प लिया। कार्यक्रम के अंत में विभाग के सहायक आचार्य डॉ. अभिषेक जिंदल ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।