एक चिट्ठी ने ब्रिटेन केकारोबारी समूह हिंदुजा ग्रुप के चार भाइयों केबीच एक पत्र को लेकर कानूनी लड़ाईशुरू हो गई। यह कानूनी जंग इंग्लैंड के हाई कोर्ट में पहुंच गई है। कोर्ट में अब हिंदुजा परिवार के बीच में 11.2 अरब डॉलर यानी करीब 83 हजार करोड़रुपए की प्रोपर्टी का विवाद है। 2 जुलाई 2014 के इस पत्र पर चारों हिंदुजा भाइयों ने हस्ताक्षर किया था। इस पत्र में लिखा गया कि एक भाई के पास जो भी संपत्ति है, वह सबकी है। परिवार के संरक्षक कहे जाने वाले 84 वर्षीय श्रीचंद परमानंद हिंदुजा ने अपने भाइयों जी पी हिंदुजा (80), पी पी हिंदुजा (75) और ए पी हिंदुजा (69) के खिलाफ मुकदमा दायर कर इस पत्र की वैधता पर प्रश्न उठाए हैं। गौरतलब है कि हिंदुजा परिवार ब्रिटेन के अरबपतियोंमेंशामिल हैऔर इस छह साल पुराने पत्र में सभी भाई एक-दूसरे को अपना निर्वाहक नियुक्त करते हैं और किसी एक भाई के नाम पर संपत्ति में चारों भाइयों का हिस्सा होगा। अब चारों भाइयो में से श्रीचंद परमानंद हिंदुजा इस पत्र को कानूनी मान्यता न देने का आग्रह हाई कोर्टसे कर रहे हैं। उन्होंने अपील की है कि इन दस्तावेजों को कानूनी रूप से अप्रभावी घोषित किया जाए। उनका कहना है कि यह दस्तावेज न तो वसीयत, न पावर आॅफ अटॉर्नी और न ही किसी अन्य बाध्यकारी दस्तावेज के रूप में मान्य होना चाहिए।