Waqf Amendment Bill 2024, (आज समाज), नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) विधेयक (Waqf Amendment Bill) 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) और आल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएसपीएलबी) के बीच आज मुलाकात होगी। दोपहर 3 बजे संसद भवन एनेक्सी (Parliament House Annexe) में होने वाली इस बैठक में जेपीसी के सदस्य वक्फ (संशोधन) विधेयक पर एआईएसपीएलबी के विचार या सुझाव सुनेंगे। हाल ही में दारुल उलूम देवबंद के प्रतिनिधिमंडल ने प्रस्तावित वक्फ (संशोधन) विधेयक का कड़ा विरोध किया है।
सूत्रों के मुताबिक जेपीसी के कार्यकाल विस्तार के बाद 11 दिसंबर को आयोजित पहली बैठक में मौलाना अरशद मदनी ने विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए चेतावनी दी है कि अगर ये संशोधन लागू किए गए तो खास तौर पर ऐतिहासिक मुस्लिम पूजा स्थलों व अन्य पूजा स्थलों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। उन्होंने कहा, भारत में कई प्राचीन मस्जिदें और धार्मिक पूजा स्थल हैं। कई शताब्दियों के बाद अब उनके मूल दाताओं या वाकिफों (जिन्होंने उन्हें दान दिया) का पता लगाना लगभग असंभव है।
सूत्रों के अनुसार मदनी व अन्य ने विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों में महत्वपूर्ण खामियां भी बताई हैं, जिससे उनके पीछे की मंशा पर संदेह जताया गया है। सूत्रों के अनुसार दारुल उलूम देवबंद के प्रतिनिधिमंडल ने समिति को विधेयक को अस्वीकार करने के कारणों को रेखांकित करते हुए 22 सूत्री सुझाव भी प्रस्तुत किए हैं। बता दें कि हाल ही में लोकसभा ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जेपीसी के कार्यकाल को बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी और 2025 के बजट सत्र के अंत तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
जेपीसी के प्रमुख जगदंबिका पाल ने 5 दिसंबर को कहा कि समिति ने अपने कार्यकाल के विस्तार से पहले दिल्ली में 27 बैठकें की थीं और इन बैठकों में कई हितधारकों व भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के साथ चर्चा शामिल थी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हितधारकों और मंत्रालयों की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ परामर्श का मकसद इस मसले पर एक संपूर्ण और व्यापक रिपोर्ट तैयार करना है। वक्फ संपत्तियों को विनियमित करने के लिए अधिनियमित वक्फ अधिनियम 1995 की लंबे समय से कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसे मुद्दों के लिए आलोचना की जाती रही है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य डिजिटलीकरण, बेहतर आॅडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस पाने के लिए कानूनी तंत्र जैसे सुधारों को पेश करके इन चुनौतियों का समाधान करना है। जेपीसी. कानून में व्यापक बदलाव सुनिश्चित करने के लिए सरकारी अधिकारियों, कानूनी विशेषज्ञों, वक्फ बोर्ड के सदस्यों और विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सामुदायिक प्रतिनिधियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श कर रही है।
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