जीवन के मध्यकाल और बुढ़ापे में सेहतमंद रहने के लिए सभी लोगों को कम उम्र से ही प्रयास करते रहना चाहिए। शरीर को स्वस्थ रखना सतत प्रक्रिया है और इसका काफी कुछ निर्धारण 20-30 साल की आयु में ही हो जाता है। यानी कि अगर 40 साल की आयु के बाद भी शरीर को फिट और तंदुरुस्त बनाए रखना है तो 20 साल की आयु से ही सभी लोगों को इसके प्रयास शुरू कर देने चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि 20-30 साल की आयु को जीवन की नींव माना जाता है, इस उम्र में आप शरीर को जैसा रखेंगे, आगे उसके परिणाम उसी तरह से देखने को मिलेंगे। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सभी लोगों को इस आयु में खान-पान और शारीरिक गतिविधियों पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। 20-30 की आयु में यदि आप पौष्टिक आहार के सेवन के साथ नियमित रूप से व्यायाम करते हैं तो भविष्य में तमाम तरह की बीमारियों का खतरा काफी कम हो सकता है। वहीं इस आयु में की गई खान-पान के प्रति लापरवाही, भविष्य में शरीर के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकती है। आइए आगे जानते हैं कि जीवन के मध्यकाल और बुढ़ापे में शरीर को फिट रखने के लिए वयस्क लोगों को किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
आहार में जरूर शामिल करें कैल्शियम
उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों में दर्द और गठिया की समस्या होना सबसे आम दिक्कतों में से एक है। इस तरह की जोखिम से बचे रहने के लिए सभी लोगों को वयस्कावस्था से ही आहार में कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों को जरूर शामिल करना चाहिए। कैल्शियम, हड्डियों और दांतों की मजबूती के लिए बहुत आवश्यक पोषक तत्व होते हैं। दूध, दही, पनीर और घी जैसे डेयरी उत्पाद और सरसों का साग, शलजम, केल आदि कैल्शियम का अच्छा स्रोत माने जाते हैं।
मसालों और जड़ी-बूटियों का सेवन
जीवन के मध्यकाल और बुढ़ापे में प्रतिरक्षा से संबंधित कई तरह की गंभीर बीमारियों से बचे रहने के लिए 20-30 की आयु में लोगों को ज्यादातर ऐसे भोजन करने चाहिए, जो प्राकृतिक मसालों और जड़ी-बूटियों से संपन्न हों। भारतीय व्यंजनों में प्रयोग किए जाने वाले ज्यादातर मसाले जैसे हल्दी, धनिया, लौंग, दालचीनी, जीरा आदि न सिर्फ भोजन के स्वाद को बढ़ाते हैं, साथ ही इन्हें प्रतिरक्षा के लिए भी काफी अच्छा माना जाता है। भोजन में इन मसालों का उपयोग सुनिश्चित करें।
वसा का सेवन न बहुत ज्यादा करें, न ही बहुत कम
आमतौर पर वसा युक्त आहार को स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक माना जाता है, पर यह पूरी तरह से सही नहीं है। हेल्दी फैट का सेवन शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक होता है। नट्स, घी, मछली, अलसी और सूरजमुखी के बीज से हेल्दी फैट प्राप्त किया जा सकता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को व्यवस्थित रखने के साथ जोड़ों को स्वस्थ रखने के लिए यह काफी आवश्यक माने जाते हैं। हेल्दी फैट की कमी के कारण उम्र बढ़ने के साथ कई तरह की बीमारियों के विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।
शराब और धूम्रपान हैं सबसे बड़े दुश्मन
स्वस्थ जीवन के लिए शराब और धूम्रपान सबसे बड़ी बाधा हो सकते हैं। कम उम्र में इनकी लत कई तरह की बीमारियों को जन्म दे सकती है। 20-30 की आयु में शराब का सेवन शरीर में कई तरह की दिक्कतें पैदा कर सकता है। भविष्य में हृदय रोग और मधुमेह से बचे रहने के साथ आंतों को स्वस्थ रखने और रक्तचाप से संबंधित समस्याओं से बचे रहने के लिए शराब और धूम्रपान से बिल्कुल परहेज करना चाहिए। यह प्रतिरक्षा को भी गंभीर क्षति पहुंचा सकते हैं।
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