बढ़ती उर्म में खुद को रखना चाहती हैं फिट, तो अपनाएं ये उपाय

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आजकल महिलाएं घर और बाहर दोनों क्षेत्रों को संभालती हैं। दिन भर तरह-तरह के काम करते रहने के कारण वे अक्सर ये अपने शरीर का ध्यान रखना ही भूल जाती हैं जिसका परिणाम उस वक्त तो नहीं लेकिन उम्र के साथ साथ बढ़ती परेशानियों में दिखाई देता है। देखा गया है कि चालीस की उम्र में स्त्रियों में कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अगर आपको लग रहा है कि आप शारीरिक रूप से बिलकुल फिट हैं, तब भी यह जरूरी है कि अपनी हेल्थ को क्रॉस चेक करें और डॉक्टर से परामर्श कर जरूरी जांच कराएं। उसी के अनुसार अपने खानपान और फिटनेस का ध्यान रखें।

शरीर का वजन बढ़ना
एक टाइम के बाद शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। इस उम्र में मेनोपॉज के बाद कुछ समस्याएं हो सकती हैं, जैसे चिड़चिड़ापन, थकान, वजन बढ़ना, लगातार खाते रहने की चाहत। हालांकि यह समस्या सभी स्त्रियों में एक जैसी नहीं होती है।

क्या लें अपनी डाइट में: ऐसे में डाइट में प्रोटीन, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट को शामिल करना चाहिए। नैचरल ऑयल प्रदान करने वाले मूंगफली, अखरोट और पंपकिन सीड्स लें और शुगर को पूरी तरह से ना कर दें।

फिटनेस: वजन की समस्या को योग या फिर मिक्स्ड एक्सरसाइज के जरिये आसानी से दूर किया जा सकता है।

बढ़ती उम्र के साथ ब्लड प्रेशर का खतरा
इस उम्र में ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है। यदि आपको लगे कि आपका ब्लड प्रेशर सामान्य है, तब भी नियमित रूप से इसकी जांच करानी चाहिए। अगर आपको डायबिटीज, हृदय रोग या किडनी से संबंधित कोई समस्या है, तब यह और भी जरूरी हो जाता है। जब स्त्रियां अपने खानपान पर ध्यान नहीं देतीं तो बीपी बढ़ने की पूरी संभावना होती है।

क्या लें अपनी डाइट में: इस उम्र में ओमेगा-थ्री फैटी एसिड से युक्त आहार का सेवन रक्तचाप को नियंत्रित करने के साथ हृदय की अनियमित गति को भी ठीक करने में मददगार होता है।

फिटनेस: एक स्टडी के अनुसार सिल्वर योग ब्लड प्रेशर की समस्या को कम करता है। अगर आप किसी भी कारण योग नहीं कर पा रही हैं तो सुबह कम से कम 45 मिनट वॉक करें। वॉक करते वक्त ध्यान रखें कि पहले 10 मिनट वॉर्मअप करें…मतलब नॉर्मल गति से चलें। इसके बाद अगले 20 मिनट तेज गति से चलें और फिर अपनी गति को मध्यम कर 10 मिनट तक चलें। रोजाना 40-45 मिनट वॉक करें। अगर आप सुबह वॉक नहीं कर पाईं तो रात को डिनर के 1 घंटे बाद वॉक करनी चाहिए।

कोलेस्ट्रॉल की समस्या
ब्लड प्रेशर के साथ-साथ स्त्रियों में कोलेस्ट्रॉल की भी समस्या हो जाती है। 40 या उससे अधिक उम्र की स्त्रियों को हर पांच साल में कोलेस्ट्रॉल की जांच जरूर करानी चाहिए। कुछ स्टडीज से यह पता चला है कि कभी-कभी एचडीएल या अच्छा कोलेस्ट्रॉल भी टाइप-1 मधुमेह से पीड़ित महिलाओं के हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकता है।

क्या लें अपनी डाइट में: उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ जैसे दलिया, जौ, गेहूं, फल और सब्जियों में फाइबर होता है जो रक्त में कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है।

फिटनेस: हफ्ते में पांच दिन 30 से 40 मिनट एरोबिक एक्सरसाइज करें और अपने लिपिड प्रोफाइल को मॉनिटर करें।

डायबिटीज़
डायबिटीज अपने आप में एक गंभीर समस्या है। अगर शुरुआती अवस्था में इसका पता चल जाता है तो इसे नियंत्रित करना आसान हो जाता है। अगर सही समय पर इसका पता न चले तो स्त्रियों में हृदय रोग, किडनी व आंखों से संबंधित समस्याओं की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए स्त्रियों को साल में कम से कम एक बार डायबिटीज की जांच जरूर करानी चाहिए।

क्या लें अपनी डाइट में: डायबिटीज में फाइबर डाइट का बड़ा महत्व होता है। यह शुगर लेवल को नियंत्रित करता है। इसलिए गेहूं, ब्राउन राइस या व्हीट ब्रेड आदि को अपनी डाइट में शामिल करें, साथ ही ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें। उच्च प्रोटीन डाइट लें और खूब पानी पिएं।

फिटनेस: व्यायाम करने से शरीर में रक्तसंचार सुचारु रहता है। इससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है, मेटाबॉलिज्म संतुलित रहता है और मधुमेह का खतरा कम होता है। वैसे मधुमेह के मरीजों को कई तरह के व्यायाम करने चाहिए। कभी योग करें, कभी कार्डियो और कभी वेट लिफ्टिंग। हमेशा एक तरह से एक्सरसाइज न करें। हफ्ते में कम से कम 160 मिनट तक एक्सरसाइज करें। इस रूटीन में जरा भी चूक नहीं करनी चाहिए।

महिलाएं ध्यान रखें ये खास बातें-
40 के बाद स्त्रियों की जिंदगी का वो दौर होता है जब वे मेनोपॉज से गुजर रही होती हैं। इस दौर में वजऩ बढ़ना और डिप्रेशन होना मामूली है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि डाइट में अगर वेजटेरियन हैं तो प्लांट प्रोटीन और नॉन वेजटेरियन हैं, तो मछली और मीट का सेवन करें। साथ में फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर डाइट लें। शुगर से पूरी तरह से दूरी बना लें क्योंकि शुगर इस उम्र में शरीर को सुस्त कर सकता है।