Walnut Tree Peel: लीवर व कैंसर जैसे रोगों के लिए अखरोट के पेड़ का छिलका रामबाण

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Walnut Tree Peel लीवर व कैंसर जैसे रोगों के लिए रामबाण है अखरोट के पेड़ का छिलका
Walnut Tree Peel : लीवर व कैंसर जैसे रोगों के लिए रामबाण है अखरोट के पेड़ का छिलका

Dandaasa or Walnut Tree Peel Importance, (आज समाज):एलोपैथी यानी अंग्रेजी दवाओं के बढ़ते साइड इफेक्ट को देखते हुए कुछ सालों में लोगों एक बार फिर आयुर्वेद का रुख करने लगे हैं। यह अच्छा भी है, क्योंकि आयुर्वेद में एक से बढ़कर एक औषधियां पाई जाती हैं, जिनसे लीवर की समस्या से लेकर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों को भी ठीक किया जा सकता है।

हम यहां बात कर रहे हैं दंदासा (अखरोट के पेड़ का छिलका) नामक आयुर्वेदिक औषधि की। डॉक्टरोंं के मुताबिक दंदासा एक ऐसी औषधि है, जो कहीं भी आसानी से मिल जाती है। अक्सर ज्यादातर लोग इसे खर-पतवार मानते हैं और इसमें सेहत को फिट रखने वाले कई गुण भरपूर मात्रा में होते हैं। लीवर की बीमारियोंं व कैंसर को भी इससे ठीक किया जा सकता है।

सांप के काटने का नहीं होता है असर

चिकित्सकों का कहना है कि दंदासा शरीर की गंदगी को बाहर निकालती है और शरीर को स्वस्थ रखने में भी यह कारगर है। उनका कहना है कि दंदासा शीतवीर्य होती है, जिससे यह शरीर पर काफी तेजी से प्रभाव डालती है। यदि किसी को सांप काट लेता है तो इस औषधि का इस्तेमाल करने पर सांप के जहर का शरीर पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। इस औषधि को इस्तेमाल करना भी आसान है। हालांकि चिकित्सक की देखरेख में इसे इस्तेमाल करना चाहिए। पानी या दूध के साथ इसे ले सकते हैं।

चूर्ण बनाकर कर सकते हैं इस्तेमाल

दंदासा का चूर्ण बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं और इसे पानी में उबालकर काढ़ा की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह औषधि कैसे और कितनी मात्रा में इस्तेमाल करनी है इस बारे में डॉक्टर बीमारी के हिसाब से खुराक और अवधि तय करेंगे। दंदासा यानी अखरोट के पेड़ के छिलके के यहां जितने फायदे बताए गए हैं यह उससे भी कहीं अधिक उपयोगी है। यह दांतों व मुंह से जुड़े कई रोगों के लिए भी बहुत उपयोगी है। दुकानों में इसका पाउडर मिलता है। यह छिलका रूप में भी मिलती है।

अस्वीकरण: यह आर्टिकल केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। इस पर अमल करने से पहले हमारी सलाह है कि आप अपने डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से सलाह लें। आज समाज इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।