- कई विपक्षी दल कर रहे विरोध, सुप्रीम कोर्ट पहुंचे
President Droupadi Murmu Signs Wakf Bill, (आज समाज), नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) विधेयक-2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी है। इसके बाद अब यह आधिकारिक रूप से कानून बन गया है। शनिवार देर शाम राष्ट्रपति ने बिल को अपनी स्वीकृति दी। कानून कब से लागू होगा, यह केंद्र सरकार तय करेगी। राष्ट्रपति मुर्मू ने मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2025 को भी अपनी मंजूरी दे दी है। गौरतलब है कि हाल ही में बजट सत्र के समापन के दौरान संसद के दोनों सदनों में वक्फ (संशोधन) विधेयक पारित हुआ है। कई विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं। कुछ ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
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लोकसभा में 288 वोटों के साथ बिल पारित
लोकसभा 2 अप्रैल को दिन में बिल पेश किया गया और देर रात तक करीब 12 घंटे इस पर चर्चा जारी रही। इसके बाद यह 288 वोटों के साथ पारित हो गया। इसी तरह तीन अप्रैल को विधेयक राज्यसभा में पेश किया और यहां भी इस पर 12 घंटे लंबी और तीखी बहस चली। इसके बाद यह 128 वोटों के साथ इस सदन में भी पास हो गया। विरोध में 95 वोट पड़े। लोकसभा में वोटिंग में 520 सांसदों ने भाग लिया और वक्फ विधेयक के विरोध में 232 वोट पड़े।
दोनों सदनों में किरेन रिजिजू ने पेश किया बिल
सरकार ने एक अधिसूचना में कहा, वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है, और इसे आम जानकारी के लिए प्रकाशित किया जाता है। वक्फ संशोधन विधेयक के साथ-साथ, राज्यसभा ने निचले सदन द्वारा पारित किए जाने के एक दिन बाद, 17 घंटे की बैठक के बाद मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 को भी पारित कर दिया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने दोनों सदनों में बिल पेश किया और कहा कि यह किसी भी समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन या हनन नहीं करता है। हालांकि, विपक्ष ने जोर देकर कहा कि बिल असंवैधानिक और मुस्लिम विरोधी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया है ‘एक महत्वपूर्ण क्षण’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वक्फ विधेयक के पारित होने को ‘एक महत्वपूर्ण क्षण’ बताया है। बिल के पारित होने के कुछ घंटे बाद उन्होंने कहा, ये विधेयक हाशिए पर पड़े उन लोगों की मदद करेंगे, जिन्हें अपनी आवाज और अवसर से वंचित रखा गया है। उन्होंने संसद के सदस्यों और उन लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने विधेयक पर सिफारिशें करने के लिए नियुक्त संयुक्त संसदीय समिति के साथ अपने इनपुट साझा किए। मोदी ने कहा, इस विधेयक से खास तौर पर उन लोगों को मदद मिलेगी जो लंबे समय से हाशिये पर हैं और इस तरह उन्हें आवाज और अवसर दोनों से वंचित रखा गया है
संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
यह विधेयक पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौतियों का सामना कर रहा है, कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी अलग-अलग याचिकाओं में इसकी संवैधानिक वैधता को चुनौती दे रहे हैं।
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