पुलिस थानों में लोग अपनी समस्या या परेशानियां लेकर जातेहैंताकि कुछ हल निकल सके। आम आदमी पुलिस केपास तभी जाता है जब उसकी समस्या का समाधान अन्य तरीकों से नहीं निकल रहा हो। कोई भी व्यक्ति पुलिस के पास परेशानी हालत में ही जाता है। लेकिन पुलिस थाने में उसे अपनी समस्या के हल के बजाए फिल्मी गानें सुनाए जाएंतो सोचियेउस व्यक्ति की क्या हालत होगी। कुछ ऐसा ही मामला मोहनलालगंज पुलिस कमिश्नरेट से सामने आया। जहां दहेज प्रताड़ना से ग्रसित एक महिला फरियादी अपनी फरियाद लेकर थाने पहुंची हुई थी । लेकिन वहां पर बैठे इस्पेक्टर साहब ने उनकी फरियाद सुनने के बजाय उल्टा फरियादी को फिल्मी गाने सुनाएं और साथ में खड़े दरोगा जी ने उस गाने की फिल्म का नाम भी बताया । महिला फरियादी का आरोप है कि उसके ससुराल जनों ने उसे बुरी तरह से दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित किया । बुरी तरह से मारा-पीटा यहां तक चाकुओं से भी हमला किया। जिसकी फरियाद लेकर पीड़ित महिला मोहनलालगंज थाने पहुंची हुई थी। महिला का आरोप है कि जैसे ही उसने मोहनलालगंज स्पेक्टर दीनानाथ मिश्रा को उसने अपनी फरियाद सुनाई वैसे ही स्पेक्टर साहब ने उन्हें एक गाना सुना दिया। देर लगी आने में तुमको शुक्र है फिर भी आए तो” यह विजयपथ मूवी का गाना है। अब ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि आखिर लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट को क्या हो गया है जो इतना फिल्मी हो गई है।