वृंदावन ट्रस्ट के महासचिव हरीश बंसल ने अपने जन्मदिवस पर लगाए पांच पौधे

0
239
वृंदावन ट्रस्ट के महासचिव हरीश बंसल ने अपने जन्मदिवस पर लगाए पांच पौधे
वृंदावन ट्रस्ट के महासचिव हरीश बंसल ने अपने जन्मदिवस पर लगाए पांच पौधे
आज समाज डिजिटल, पानीपत:
पानीपत। जीवन जीने के लिए पेड़ पौधे लगाने बहुत ही आवश्यक हैं। उक्त विचार वृंदावन ट्रस्ट के महासचिव हरीश बंसल ने अपने जन्मदिन के अवसर पर कहे। हरीश बंसल ने कहा कि अगर हमने स्वस्थ जीवन जीना है व निरोगी जीवन जीना है तो हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने होंगे। पेड़ पौधे लगाने से हमें शुद्ध वायु मिलेगी, जिससे बीमारियां भी दूर होंगी। पेड़ पौधे से लगाने से आसपास का वातावरण भी शुद्ध होगा। हवा भी शुद्ध होगी। शुद्ध हवा भी होगी तो शरीर भी स्वस्थ रहेगा।

किसी भी शुभ कार्य पर कम से कम 5 पौधे जरूर लगाएं

हरीश बंसल ने अपने जन्मदिवस पर 5 पौधे लगाए और उन्होंने सभी शहर वासियों से अपील की कि वह भी अपने जन्मदिवस पर या अपने किसी भी शुभ कार्य पर कम से कम 5 पौधे जरूर लगाएं, क्योंकि जितनी हमारे पास हरियाली होगी वातावरण शुद्ध होगा उतनी ही हम बीमारियों से भी बचेंगे। पेड़ पौधे ज्यादा होंगे तो ज्यादा बारिश भी आएगी और पानी का लेवल भी पड़ेगा। पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है परी और आवरण। जिसमें परी का मतलब है हमारे आसपास या कह लें कि जो हमारे चारों ओर है वही आवरण का मतलब है, जो हमें चारों ओर से घेरे हुए हैं।

 

 

वृंदावन ट्रस्ट के महासचिव हरीश बंसल ने अपने जन्मदिवस पर लगाए पांच पौधे
वृंदावन ट्रस्ट के महासचिव हरीश बंसल ने अपने जन्मदिवस पर लगाए पांच पौधे

वृक्षों का कम होना मानव शरीर और स्वास्थ्य पर सीधा असर डालता है

पर्यावरण जलवायु स्वच्छता प्रदूषण तथा वृक्ष का सभी को मिलकर बनता है और यह सभी चीजें यानी कि पर्यावरण हमारे दैनिक जीवन से सीधा संबंध रखता है और उसे प्रभावित करता है। मानव और पर्यावरण एक दूसरे पर निर्भर होते हैं। पर्यावरण जैसे जल वायु प्रदूषण या वृक्षों का कम होना मानव शरीर और स्वास्थ्य पर सीधा असर डालता है। मानव की अच्छी बुरी आदतें जैसे वृक्षों को सहेजना जल वायु प्रदूषण रोकने समझता रखना भी पर्यावरण को प्रभावित करती है। मानव की बुरी आदतें जैसे पानी दूषित करना, बर्बाद करना, वृक्षों की अत्याधिक मात्रा में कटाई करना आदि पर्यावरण को बुरी तरह से प्रभावित करती है। जिसका नतीजा बाद में मानव को प्राकृतिक आपदाओं का सामना करके ही भुगतना पड़ता है।