भाजपा समर्थित प्रत्याशी जिला पार्षद कविता देवी को हराकर चेयरपर्सन बनी थी मनीषा रंधावा
Jind News (आज समाज) जींद: हरियाणा में तीसरी बार भाजपा की सरकर बनने के साथ ही जिला परिषदों व ब्लॉक समिति चेयरमैनों की कुर्सी पर भी खतरा मंडराने लग गया था। जिन चेयरमैनों ने भाजपा के खिलाफ जाकर चुनाव में अन्य दलों को समर्थन दिया उनका कुर्सी पर टिका रहना मुश्किल हो गया है। कैथल के अंदर भाजपा जिला परिषद से लेकर ब्लॉक समिति तक के चेयरमैनों को बदल चुकी है। यहां पर अब भाजपा समर्थित चेयरमैन है। अब इसी कड़ी में जींद जिला परिषद की चेयरपर्सन मनीषा रंधावा का नाम जुड़ चुका है।
यहां पर 25 में से 18 पार्षद चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग को लेकर डीसी को ज्ञापन सौंप चुके है। डीसी ने बुधवार को बैठक के लिए 13 दिसंबर का समय निर्धारित कर दिया है। तीन दिन पहले वाइस चेयरमैन सतीश हथवाला सहित 18 जिला पार्षदों ने सोमवार को डीसी मोहम्मद इमरान रजा से मिलकर चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए शपथ पत्र सौंपे थे और जल्द बैठक बुलाने की मांग की थी।
विरोधी खेमे को 17 पार्षदों का बहुमत जरूरी
जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा सहित कुल 25 पार्षद हैं। चेयरपर्सन को कुर्सी से हटाने के लिए विरोधी खेमे को दो तिहाई यानी 25 में से 17 पार्षदों का बहुमत जरूरी है। वहीं चेयरपर्सन को अपनी कुर्सी बचाने के लिए खुद के वोट सहित नौ पार्षदों का बहुमत चाहिए।
मनीषा रंधावा जजपा के समर्थन से भाजपा समर्थित प्रत्याशी जिला पार्षद कविता देवी को हराकर चेयरपर्सन बनी थी। उस समय मनीषा रंधावा को 12 और कविता देवी को 12 जिला पार्षदों का साथ मिला था। फिलहाल चेयरपर्सन के साथ सात पार्षद (स्वयं सहित) और विरोधी खेमे में 18 जिला पार्षद हैं।