Jind News: जींद में जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर नहीं हो सकी वोटिंग

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Jind News: जींद में जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर नहीं हो सकी वोटिंग
Jind News: जींद में जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर नहीं हो सकी वोटिंग

बैठक में नहीं पहुंचे डीसी व विरोधी पार्षद
Jind News (आज समाज) जींद: हरियाणा के जींद में जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर आज भी वोटिंग नहीं हो सकती। अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग को लेकर बुलाई गई बैठक को रद्द कर दिया गया है। डीसी व विरोधी पार्षदों के नहीं आने के कारण बैठक को रद्द किया गया है। इस बैठक में जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा पहुंची थी। बता दें कि इससे पहले 13 दिसंबर और 22 जनवरी को बुलाई गई बैठक डीसी के नहीं पहुंचने के कारण रद्द हो चुकी है। इस बार जिला परिषद चेयरपर्सन हाई कोर्ट से मीटिंग की तारीख लेकर आई हैं।

चेयरपर्सन को हटाने के लिए 17 चाहिए पार्षद

चेयरपर्सन को पद से हटाने के लिए 25 में से 17 पार्षदों का बहुमत चाहिए। तीन दिन पहले विरोधी खेमे से वाइस चेयरमैन सतीश हथवाला, पार्षद प्रतिनिधि जसमेर रजाना सहित कुछ पार्षद पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में विधानसभा डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण मिढ़ा और भाजपा जिलाध्यक्ष तिजेंद्र ढुल से भी मिले थे और काफी देर तक बंद कमरे में चर्चा कर रणनीति बनाई थी। वाइस चेयरमैन सतीश हथवाला ने दावा किया था कि उनके पास पूरा बहुमत है और मंगलवार की बैठक में इसे साबित करके चेयरपर्सन को कुर्सी से हटा देंगे।

चेयरपर्सन बोली हमारे पास बहुमत

वहीं सोमवार को चेयरपर्सन प्रतिनिधि कुलदीप रंधावा ने 9 पार्षदों के साथ अपनी फोटो फेसबुक पर अपलोड की थी। इसमें फोटो के साथ लिखा है, हम साथ- साथ हैं। ये फोटो हरियाणा से बाहर किसी होटल का बताया जा रहा है। इस फोटो के माध्यम से उन्होंने विरोधी गुट को मैसेज दिया है कि उनके पास कुर्सी बचाने के लिए जरूरी बहुमत है। चेयरपर्सन को कुर्सी बचाने के लिए 9 पार्षदों का बहुमत चाहिए। जबकि चेयरपर्सन का स्वयं सहित 10 पार्षदों का बहुमत उनके साथ होने का दावा है।

कुर्सी को कोई खतरा नहीं

चेयरपर्सन समर्थित पार्षद इस बैठक से दूर रहेंगे। वहीं विरोधी गुट को बैठक में पहुंच कर बहुमत साबित करना है। जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा ने कहा कि उनकी कुर्सी को कोई खतरा नहीं है। उनके पास पार्षदों का जरूरी बहुमत है। अगर विरोधी गुट के पास जरूरी बहुमत के लिए पार्षदों की संख्या पूरी है, तो वे मंगलवार को बैठक में पहुंच कर साबित करें।

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