Voter is real or fake detection fee only 2 rupees: वोटर असली है या नकली पता लगाने की फीस मात्र 2 रुपये

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अंबाला। चुनाव आयोग ने पारदर्शी मतदान के लिए चैलेंज वोट का प्रावधान किया है, जो मतदाता के असली-नकली होने का फैसला करता है। सरकार ने इसका शुल्क दो रुपये निर्धारित किया है। चुनाव आचार नियमावली के तहत चैलेंज वोट का नियम बनाया गया है। यह मतदान स्थल पर वोटरों की प्रामाणिकता तय करता है। आयोग के अनुसार, नियम के तहत अगर पोलिंग एजेंट को वोट से पहले या बाद में मतदाता की पहचान पर संशय होता है, तो वह चुनौती दे सकता है। ऐसी स्थिति में मतदाता के पास अपनी पहचान साबित करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं होता है। इसका फैसला पीठासीन अधिकारी करता है। इसके लिए पीठासीन अधिकारी मतदाता से दो रुपये शुल्क जमा कराने के साथ ही एक फार्म भरवाता है। मतदाता को संबंधित दस्तावेजों के जरिये अपनी पहचान साबित करनी होती है।
भ् हालांकि मतदाताओं को इन नए नियमों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। इस बार के चुनावों में असली मतदाता टेंडर वोट और चैलेंज वोट भी डाल सकेंगे और फर्जी मतदाताओं के बोगस वोट जांच के बाद स्वत: ही निरस्त हो जाएंगे।
भ् टेंडर व चैंलेज वोट डालने के पहले पीठासीन अधिकारी पूरे मामले की जांच करेंगे। जांच में मतदाता सही जानकारी देता है और वही असली है, तभी उसे टेंडर वोट व चैलेंज वोट डालने का अधिकार मिलेगा।
भ् चुनावों में अक्सर देखा गया है कि मतदान केन्द्र पर पहुंचने के बाद मतदाताओं को यह पता चलता है कि कोई अन्य व्यक्ति उस निर्वाचक के रूप में पहले ही वोट दे चुका है। ऐसे मतदाता को मतपत्र के द्वारा टेंडर वोट डालने का अधिकार रहेगा।
भ् इसके साथ ही मतदान केन्द्रों पर कोई व्यक्ति आता है और वह अपने आपको वास्तविक मतदाता कहता है, लेकिन किसी अन्य द्वारा उस मतदाता को चुनौती दी जाती है तो वह चैलेंज वोट के दायरे में आएगा।
भ् अभी तक ऐसी स्थिति में असली मतदाता से वोट नहीं डलवाया जाता था, लेकिन अब टेंडर व चैलेंज वोट के माध्यम से असली मतदाता वोटिंग कर सकेंगे और बोगस वोट निरस्त किया जाएगा।

यह रहेगी प्रक्रिया
चैलेंज वोट : चैलेंज वोट की चुनौती स्वीकार करने से पहले पीठासीन अधिकारी मतदाता से 2 रुपए शुल्क जमा कराएंगे। फिर पूरी जांच करेंगे। मतदाता की अंगुली पर अमिट स्याही लगे होने पर चुनौती स्वीकार नहीं की जाएगी। चुनौती देने वाले से आरोपों के संबंध में साक्ष्य मांगेंगे।
टेंडर वोट : टेंडर वोट के दौरान पीठासीन अधिकारी संबंधित मतदाता की पहचान के बारे में प्रश्न पूछेंगे। यदि पहचान सही पाई गई तो संबंधित मतदाता को मतपत्र द्वारा टेंडर वोट डालने का अधिकार मिल जाएगा। इसके लिए पीठासीन अधिकारी को 20 मतपत्र अलग से उपलब्ध कराए जाएंगे।
सजा का प्रावधान: टेंडर और चैलेंज वोट के माध्यम से असली मतदाता वोट डाल सकेंगे। अब बोगस वोट निरस्त किया जाएगा। बोगस मतदाताओं पर लगाम लगाने के लिए ही आयोग ने इस बार चुनाव में यह कड़े प्रावधान किए हैं। जो फर्जी मतदाता जांच में पकड़े जाएंगे, उनके खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस के हवाले किया जाएगा।