नई दिल्ली। यूपी के उन्नाव की रेप पीड़िता ने की हिम्मत की सबने तारीफ की। उसका इलाज कर रहे डाक्टरों और नर्सों ने भी कहा कि बहुत हिम्मती थी यह लड़की। सभी को इसने निर्भया की याद दिला दी। उन्नाव पीड़िता अपने जीवन की अंतिम सांस तक जिदंगी के लिए लड़ती रही। शुक्रवार रात को उन्नाव की रेप पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। अस्पताल के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. शलभ कुमार ने बताया, ”हमारे बेहतर प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। गौरतलब है कि उन्नाव जिले के बिहार थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली बलात्कार पीड़िता को गुरुवार तड़के उसके बलात्कार के आरोपियों सहित पांच लोगों ने आग के हवाले कर दिया था। करीब 90 प्रतिशत तक झुलस चुकी युवती को एयर एम्बुलेंस के जरिए दिल्ली लाया गया था और वहां अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसने शुक्रवार देर रात दम तोड़ दिया था।
उसकी मौत के बाद उन्नाव पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए दिल्ली में कैंडल मार्च निकाला गया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया। बैरेकेटस लगाकर लोगों को रोकने की कोशिश की गई। आम आदमी का गुस्सा उफान पर था। लोग हाथों में कैंडल लेकर इंडिया गेट तक जा रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने राजघाट से इंडिया गेट तक कैंडल मार्च निकाला तो रास्ते में पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बैरिकेड लगाए मगर प्रदर्शन कर रहे पुरुष और महिलाओं ने बैरिकेड पर चढ़ते हुए उसे गिराने की कोशिश की। इस बीच पुलिस और प्रदर्शनकारियों में थोड़ी बहुत झड़प देखने को मिली। रात लगभग साढ़े नौ बजे उन्नाव पीड़िता का शव दिल्ली से उसके घर पहुंचाया गया। जिसके बाद वहां माहौल गमगीन था और इसी के साथ आक्रोश भी देखने को मिला।