Vocational Training Program : दूध के मूल्यवर्धित उत्पाद एक सदाबहार व्यवसाय है, इसे अपनाकर महिलाएं छोटे स्तर पर शुरू कर सकती हैं व्यवसाय : डॉ.गर्ग

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Vocational Training Program

Aaj Samaj (आज समाज),Vocational Training Program,पानीपत :  चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि विज्ञान केंद्र ऊझा पानीपत में चल रहे पांच दिवसीय फल एवं सब्जी संरक्षण व दुग्ध और उसके मूल्यवर्धित उत्पाद विषयों पर व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का वीरवार को समापन समारोह का आयोजन किया गया। इन दोनों प्रशिक्षण कार्यक्रमों में जिले की कुल 60 अनुसूचित जाति की महिलाओं ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जिले की अनुसूचित जाति की महिलाओं को फल व सब्जियों के संरक्षण से बनने वाले उत्पाद व दूध से बनने वाले मूल्यवर्धित उत्पादों को बनाने की ट्रेनिंग देकर उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर व सशक्त बनाना था।

 

केंद्र द्वारा प्रत्येक वर्ष अचार व मुरब्बा , नर्सरी उत्पादन, कटिंग एंड टेलरिंग, बकरी उत्पादन, स्प्रे तकनीक, डेरी फार्मिंग, खुंभी उत्पादन इत्यादि विषय पर अनुसूचित जाति के प्रतिभागियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जिनमें महिला सशक्तिकरण में बहुत अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। इस अवसर पर केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डॉक्टर राजबीर गर्ग ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने बताया कि फल व सब्जी संरक्षण के तहत विभिन्न प्रकार के अचार- मुरब्बे बनाना व दूध के मूल्य वर्धित उत्पाद जैसे पनीर, रसगुल्ले व अन्य मिठाई आदि बनाना बहुत ही अच्छा व्यवसाय है व यह एक सदाबहार व्यवसाय हैं, इस व्यवसाय को महिलाएं छोटे स्तर पर भी शुरू कर सकती हैं तथा अपने आपको आर्थिक तौर पर सशक्त बना सकती है। ये व्यवसाय कम लागत पर अधिक मुनाफा देने वाला व्यवसाय है व महिलाएं इस व्यवसाय को करते हुए अपने निजी कार्य को भी सुचारू रूप से देख सकती हैं। इसके अतिरिक्त इस व्यवसाय की समय के साथ डिमांड भी बढ़ती जा रही है।

 

इस अवसर पर प्रशिक्षण संचालक डॉक्टर कुलदीप डूडी व डॉक्टर सुनील सांगवान ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे प्रशिक्षण उपरांत इस व्यवसाय को आगे बढ़ाएं तथा अपनी आजीविका का साधन बनाकर आर्थिक लाभ कमाए। इसके अतिरिक्त उन्होंने महिलाओं के कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़े रहने का आग्रह किया। इस अवसर पर विभिन्न वक्ताओं ने भाग लिया। जिसमें डॉक्टर संजय चोपड़ा जी ने अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के लिए प्रदान की जा रही विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं के बारे में बताया। इसके अतिरिक्त तन्नू वैध, पूरणमल, व डॉ नीरू जागलान ने भी अपने विचार सांझा किए तथा महिलाओं को पनीर, मुर्की पनीर, गुलाब जामुन, रसगुल्ले, किन्नू कैंडी, आंवले का मुरब्बा, विभिन्न सब्जियों के अचार आदि बनाने सिखाए। इस अवसर पर केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर सतपाल सिंह ने महिलाओं को इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए धन्यवाद किया। इस मौके पर डॉ. राजेश, डॉ मोहित ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

 

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