चंडीगढ़ (आज समाज) पंजाब की शिवालिक तलहटी व कंडी बेल्ट के लिए सं•ाावित फल एवं फूल, रेशम उत्पादन के लिए मलबरी की किस्मों और नई तकनीकें लागू करने के उद्देश्य से बागवानी मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा के नेतृत्व में प्रदेश के प्रगतिशील किसानों ने जम्मू-कश्मीर का पांच दिवसीय एक्सपोजर दौरा किया। कैबिनेट मंत्री व किसानों द्वारा बागÞवानी से संबंधित सेंटर आफ एक्सीलेंस फार फ्रूट्स (जवूरा, श्रीनगर), शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चर साइंस व टेक्नोलाजी (कश्मीर), सैफरन पार्क (दुस्सू, पुलवामा), सेंट्रल इंस्टीट्यूट फार टैंपरेट हार्टिकल्चर, माडल हाईडेंसिटी एप्पल आर्चर्ड (श्रीनगर), आलू फार्म (गुलमर्ग), इंडस्ट्रीयल ग्रोथ सेंटर (लासीपोरा) व रेशम संबंधी सेंट्रल सैरीकल्चर रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट केंद्रीय रेशम बोर्ड (पामपोर) का दौरा करते हुए विविध जानकारी एकत्र की गई।
बागवानी वि•ााग श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर) द्वारा पंजाब से संबंधित बागवानी फसलों की खेती, नई तकनीकों के प्रयोग की जानकारी और •ाविष्य में पंजाब में बागवानी के मानक में सुधार के लिए नाशपाती, आड़ू, अलूचे एवं सेब की लो-चिलिंग वाली किस्मों और रेशम संबंधी रीलिंग इकाइयों की स्थापना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई। जौड़ामाजरा ने कहा कि सरकार राज्य के किसानों को पारंपरिक फसल चक्र से निकालकर वर्तमान समय के अनुसार अधिक ला•ादायक फल एवं फूल का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है और इस श्रृंखला को आगे बढ़ाने के लिए यह दौरा महत्वपूर्ण साबित होगा।
उन्होंने कहा कि पंजाब के शिवालिक तलहटी व कंडी क्षेत्र में मौसम राज्य के बाकी हिस्सों की तुलना में ठंडा है, इसलिए इन क्षेत्रों में नए सं•ाावित फल एवं फूल पैदा करने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जम्मू-कश्मीर से रेशम उत्पादन के लिए मलबरी की किस्मों व नई तकनीकें लागू करने के लिए मदद ली जा सकती है। इसके साथ ही बागवानी मंत्री और अधिकारियों ने पंजाब में कोल्ड स्टोर और प्रोसेसिंग उद्योग लाने के लिए वि•िान्न इंडस्ट्रीयल ग्रोथ सेंटर के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और उन्हें राज्य के साजगार माहौल के बारे में जानकारी दी।