***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनाँक:- 29/10/2022, शनिवार
चतुर्थी, शुक्ल पक्ष,
कार्तिक
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
कन्या
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। व्यापार-व्यवसाय में लाभ होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। बेचैनी रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। थकान महसूस होगी। वरिष्ठजन सहयोग करेंगे।
तिथि———– चतुर्थी 08:12:45 तक
तिथि———– पंचमी 29:49:15
पक्ष————————- शुक्ल
नक्षत्र————ज्येष्ठा 09:04:36
योग———–अतिगंड 22:21:21
करण——–विष्टि भद्र 08:12:45
करण————–बव 19:01:05
करण————बालव 29:49:15
वार———————– शनिवार
माह———————– कार्तिक
चन्द्र राशि——-वृश्चिक 09:04:36
चन्द्र राशि——————– धनु
सूर्य राशि——————– तुला
रितु————————– हेमंत
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)——————— नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2079
शक संवत—————— 1944
वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:28:47
सूर्यास्त————— 17:36:36
दिन काल————- 11:07:48
रात्री काल————- 12:52:51
चंद्रोदय—————- 10:28:07
चंद्रास्त—————- 20:50:05
लग्न—-तुला 11°25′ , 191°25′
सूर्य नक्षत्र—————— स्वाति
चन्द्र नक्षत्र——————- ज्येष्ठा
नक्षत्र पाया——————ताम्र
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
यू—- ज्येष्ठा 09:04:36
ये—- मूल 14:39:42
यो—- मूल 20:14:42
भा—- मूल 25:49:40
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=तुला 11 :29 स्वाति , 2 रे
चन्द्र =वृश्चिक 28 °23, ज्येष्ठा, 4 यू
बुध =तुला 04 ° 34′ चित्रा ‘4 री
शुक्र=तुला 13°05, स्वाति ‘ 2 रे
मंगल=मिथुन 01°30 ‘ मृगशिरा’ 3 का
गुरु=मीन 05°30 ‘ उ o भा o, 1 दू
शनि=मकर 24°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 19°30 भरणी , 2 लू
केतु=(व) तुला 19°30 विशाखा , 4 ता
🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩
राहू काल 09:16 – 10:39 अशुभ
यम घंटा 13:26 – 14:50 अशुभ
गुली काल 06:29 – 07:52 अशुभ
अभिजित 11:40 – 12:25 शुभ
दूर मुहूर्त 07:58 – 08:42 अशुभ
वर्ज्यम 29:55* – 31:25* अशुभ
🚩गंड मूल अहोरात्र अशुभ
💮चोघडिया, दिन
काल 06:29 – 07:52 अशुभ
शुभ 07:52 – 09:16 शुभ
रोग 09:16 – 10:39 अशुभ
उद्वेग 10:39 – 12:03 अशुभ
चर 12:03 – 13:26 शुभ
लाभ 13:26 – 14:50 शुभ
अमृत 14:50 – 16:13 शुभ
काल 16:13 – 17:37 अशुभ
🚩चोघडिया, रात
लाभ 17:37 – 19:13 शुभ
उद्वेग 19:13 – 20:50 अशुभ
शुभ 20:50 – 22:26 शुभ
अमृत 22:26 – 24:03* शुभ
चर 24:03* – 25:40* शुभ
रोग 25:40* – 27:16* अशुभ
काल 27:16* – 28:53* अशुभ
लाभ 28:53* – 30:29* शुभ
💮होरा, दिन
शनि 06:29 – 07:24
बृहस्पति 07:24 – 08:20
मंगल 08:20 – 09:16
सूर्य 09:16 – 10:11
शुक्र 10:11 – 11:07
बुध 11:07 – 12:03
चन्द्र 12:03 – 12:58
शनि 12:58 – 13:54
बृहस्पति 13:54 – 14:50
मंगल 14:50 – 15:45
सूर्य 15:45 – 16:41
शुक्र 16:41 – 17:37
🚩होरा, रात
बुध 17:37 – 18:41
चन्द्र 18:41 – 19:45
शनि 19:45 – 20:50
बृहस्पति 20:50 – 21:54
मंगल 21:54 – 22:59
सूर्य 22:59 – 24:03
शुक्र 24:03* – 25:07
बुध 25:07* – 26:12
चन्द्र 26:12* – 27:16
शनि 27:16* – 28:21
बृहस्पति 28:21* – 29:25
मंगल 29:25* – 30:29
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
तुला > 04:38 से 06:51 तक
वृश्चिक > 06:51 से 09:10 तक
धनु > 09:10 से 11:40 तक
मकर > 11:40 से 13:18 तक
कुम्भ > 13:18 से 14:48 तक
मीन > 14:48 से 15:20 तक
मेष > 15:20 से 16:54 तक
वृषभ > 16:54 से 19:40 तक
कर्क > 19:40 से 00:10 तक
सिंह > 00:10 से 02:28 तक
कन्या > 02:28 से 04:30 तक
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लौंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
4 + 7 + 1 = 12 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
बुध ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
4 + 4 + 5 = 13 ÷ 7 = 6 शेष
क्रीड़ायां = शोक , दुःख कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
प्रातः 8:12 तक समाप्त
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
* पंचमीक्षय
*सौभाग्यज्ञान पंचमी
*पाण्डव पंचमी
*सूर्यषष्ठी व्रत आरम्भ
💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮
आलस्योपगता विद्या परहस्तगतं धनम् ।
अल्पबीजं हतं क्षेत्रं हतं सैन्यमनायकम् ।।
।। चा o नी o।।
खाली बैठने से अभ्यास का नाश होता है. दुसरो को देखभाल करने के लिए देने से पैसा नष्ट होता है. गलत ढंग से बुवाई करने वाला किसान अपने बीजो का नाश करता है. यदि सेनापति नहीं है तो सेना का नाश होता है.
🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩
गीता -: भक्तियोग अo-12
समः शत्रौ च मित्रे च तथा मानापमानयोः।,
शीतोष्णसुखदुःखेषु समः सङ्गविवर्जितः॥,
जो शत्रु-मित्र में और मान-अपमान में सम है तथा सर्दी, गर्मी और सुख-दुःखादि द्वंद्वों में सम है और आसक्ति से रहित है॥,18॥,
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