Virgo Horoscope 16 April 2022
***|| जय श्री राधे ||***
*** महर्षि पाराशर पंचांग ***
*** अथ पंचांगम् ***
****ll जय श्री राधे ll****
*** *** *** *** ***
दिनाँक:- 16/04/2022, शनिवार
पूर्णिमा, शुक्ल पक्ष
चैत्र
*** *** *** *** *** *** *** *** (समाप्ति काल)
*** दैनिक राशिफल ***(Daily Horoscope)
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
कन्या
Virgo Horoscope 16 April 2022: आज का दिन आपके चारों ओर का वातावरण सुखमय रहेगा। आपको घर अथवा बाहर से शुभ समाचार मिल सकता है| रुके कार्य पूर्ण होंगे। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। निवेश शुभ रहेगा। प्रमाद न करें। प्रसन्नता व आशाजनक वातावरण के कारण प्रयास सार्थक होंगे। भेंट-उपहार आदि की प्राप्ति संभव है। अर्थ संबंधी सुख मिलेगा। संतान द्वारा कोई ऐसा कार्य किया जाएगा, जिससे आपके कुल का नाम रोशन होगा। कार्यक्षेत्र में पिछली कुछ गलतियों के कारण आपकी कहासुनी हो सकती है इसलिए आपको थोड़ा तनाव रहेगा। यदि जीवनसाथी के स्वास्थ्य में कोई गिरावट आए, तो लापरवाही न बरतें, तुरंत डॉक्टरी परामर्श लें। परिवार में लंबे समय से चला या रहा विवाद आज समाप्त होगा।
तिथि———–पूर्णिमा 24:24:09 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र————- हस्त 08:38:41
योग————-हर्शण 26:43:21
करण——- विष्टि भद्र 13:27:44
करण————- बव 24:24:09
वार———————– शनिवार
माह————————- चैत्र
चन्द्र राशि——– कन्या20:00:08
चन्द्र राशि——————- तुला
सूर्य राशि———————-मेष
रितु————————–वसंत
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर———————–नल
संवत्सर (उत्तर)—————– राक्षस
विक्रम संवत—————- 2079
विक्रम संवत (कर्तक)——— 2078
शाका संवत—————- 1944
Read Also: चैत्र माह : शुक्ल पक्ष गुरु प्रदोष व्रत 14 अप्रैल को Guru Pradosh Vart On 14th April
वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:55:12
सूर्यास्त————— 18:43:11
दिन काल————- 12:47:58
रात्री काल————- 11:11:00
चंद्रास्त—————- 06:14:24
चंद्रोदय—————- 18:24:18
लग्न—- मेष 1°51′ , 1°51′
सूर्य नक्षत्र—————– अश्विनी
चन्द्र नक्षत्र——————- हस्त
नक्षत्र पाया——————- रजत
Read Also : इस मंत्र से जल्दी प्रसन्न होंगे बजरंगबली जी Bajrangbali ji
*** पद, चरण ***
ठ—- हस्त 08:38:41
पे—- चित्रा 14:20:13
पो—- चित्रा 20:00:08
रा—- चित्रा 25:38:34
*** ग्रह गोचर ***
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
*** *** *** *** *** *** *** *** *** ***
सूर्य=मीन 01:12 अश्विनी , 1 चु
चन्द्र =कन्या 21°23 , हस्त , 4 ठ
बुध =मेष 15 ° 07′ भरणी ‘ 1 ली
शुक्र=कुम्भ 17°05, शतभिषा ‘ 4 सी
मंगल=कुम्भ 06°30 ‘ धनिष्ठा’ 4 गे
गुरु=मीन 00°30 ‘ पू o भा o, 4 दी
शनि=मकर 29°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू=(व)वृषभ 29°55’ कृतिका , 1 अ
केतु=(व) तुला 29°55 विशाखा , 3 ते
*** मुहूर्त प्रकरण ***
राहू काल 09:07 – 10:43 अशुभ
यम घंटा 13:55 – 15:31 अशुभ
गुली काल 05:55 – 07: 31अशुभ
अभिजित 11:54 -12:45 शुभ
दूर मुहूर्त 07:38 – 08:29 अशुभ
Read More : कैसे बने हारे का सहारा खाटू श्याम How To Become A Loser’s Sahara Khatu Shyam
*** चोघडिया, दिन ***
काल 05:55 – 07:31 अशुभ
शुभ 07:31 – 09:07 शुभ
रोग 09:07 – 10:43 अशुभ
उद्वेग 10:43 – 12:19 अशुभ
चर 12:19 – 13:55 शुभ
लाभ 13:55 – 15:31 शुभ
अमृत 15:31 – 17:07 शुभ
काल 17:07 – 18:43 अशुभ
*** चोघडिया, रात ***
लाभ 18:43 – 20:07 शुभ
उद्वेग 20:07 – 21:31 अशुभ
शुभ 21:31 – 22:55 शुभ
अमृत 22:55 – 24:19* शुभ
चर 24:19* – 25:43* शुभ
रोग 25:43* – 27:06* अशुभ
काल 27:06* – 28:30* अशुभ
लाभ 28:30* – 29:54* शुभ
*** होरा, दिन ***
शनि 05:55 – 06:59
बृहस्पति 06:59 – 08:03
मंगल 08:03 – 09:07
सूर्य 09:07 – 10:11
शुक्र 10:11 – 11:15
बुध 11:15 – 12:19
चन्द्र 12:19 – 13:23
शनि 13:23 – 14:27
बृहस्पति 14:27 – 15:31
मंगल 15:31 – 16:35
सूर्य 16:35 – 17:39
शुक्र 17:39 – 18:43
*** होरा, रात ***
बुध 18:43 – 19:39
चन्द्र 19:39 – 20:35
शनि 20:35 – 21:31
बृहस्पति 21:31 – 22:27
मंगल 22:27 – 23:23
सूर्य 23:23 – 24:19
शुक्र 24:19* – 25:15
बुध 25:15* – 26:11
चन्द्र 26:11* – 27:06
शनि 27:06* – 28:02
बृहस्पति 28:02* – 28:58
मंगल 28:58* – 29:54
Read Also : घर में होगा सुख-समृद्धि का वास Happiness And Prosperity In House
*** उदयलग्न प्रवेशकाल ***
मीन > 03:00 से 04:56 तक
मेष > 05:56 से 06:47 तक
वृषभ > 06:47 से 08:45 तक
मिथुन > 08:45 से 10:59 तक
कर्क > 10:59 से 13:15 तक
सिंह > 13:15 से 15:28 तक
कन्या > 15:28 से 07:39 तक
तुला > 07:39 से 07:54 तक
वृश्चिक > 07:54 से 10:11 तक
धनु > 10:11 से 00:16 तक
मकर > 00:16 से 02:02 तक
कुम्भ > 02:02 से 03:00 तक
विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लौंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
Read Also : पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए फल्गू तीर्थ Falgu Tirtha For Peace Of Souls Of Ancestors
अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 7 + 1 = 23 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*** ग्रह मुख आहुति ज्ञान ***
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
चन्द्र ग्रह मुखहुति
शिव वास एवं फल -:
15 + 15 + 5 = 35 ÷ 7 = 0 शेष
शमशान = मृत्यु कारक
भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
दोपहर13:27 तक समाप्त
पाताल लोक = धनलाभ कारक
*** विशेष जानकारी ***
* सत्य पूर्णिमा व्रत
* हनुमत्प्राकट्योत्सव
* रंगनाथ व चतुर्भुज लक्ष्मी विवाहोत्सव
*छप्पन भोग द्वारकाधीश जी
*मेला सालासर बालाजी
* चित्रान्नदान भक्षण
*वैशाख स्नान प्रारम्भ
*** शुभ विचार ***
उपार्जितानां वित्तानां त्याग एव हि रक्षणम् ।
तडागोदरसंस्थानां परीस्त्र व इवाम्भसाम् ।।
।। चा o नी o।।
संचित धन खर्च करने से बढ़ता है. उसी प्रकार जैसे ताजा जल जो अभी आया है बचता है, यदि पुराने स्थिर जल को निकल बहार किया जाये.
*** सुभाषितानि ***
गीता -: गुणत्रयविभागयोग अo-14
उदासीनवदासीनो गुणैर्यो न विचाल्यते ।,
गुणा वर्तन्त इत्येव योऽवतिष्ठति नेङ्गते ॥,
जो साक्षी के सदृश स्थित हुआ गुणों द्वारा विचलित नहीं किया जा सकता और गुण ही गुणों में बरतते (त्रिगुणमयी माया से उत्पन्न हुए अन्तःकरण सहित इन्द्रियों का अपने-अपने विषयों में विचरना ही ‘गुणों का गुणों में बरतना’ है) हैं- ऐसा समझता हुआ जो सच्चिदानन्दघन परमात्मा में एकीभाव से स्थित रहता है एवं उस स्थिति से कभी विचलित नहीं होता॥,23॥,
*** आपका दिन मंगलमय हो ***
*** *** *** *** *** ***
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
Read Also: शहर के हृदय में बसा मां चामुंडा देवी मंदिर Maa Chamunda Devi Mandir
Read Also : हरिद्वार पर माता मनसा देवी के दर्शन न किए तो यात्रा अधूरी If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar