आज समाज डिजिटल टीम:
देश की राजनीति में हमेशा शुमार रहे पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह 18 दिन के मुख्यमंत्री रह चुके थे। आज उनके देहांत से हिमाचल की राजनीति को भारी हानि हुई है। वे 1983 में प्रदेश राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल हुए। इसी वर्ष पहली बार उपचुनाव जीते। क्षेत्र ािा जुब्बल कोटखाई। इसके बाद 1985 के विधानसभा चुनावों में वीरभद्र सिंह ने शिरकत की और जीत हासिल की। हिमाचल प्रदेश के छह बार के सीएम वीरभद्र सिंह के निधन के बाद अब कांग्रेस की सियासत में अहम स्थान रिक्त हो गया है। राजा नहीं फकीर है, हिमाचल की तकदीर है के नाम से पहचाने जाने वाले वीरभद्र सिंह के जाने के बाद कांग्रेस को प्रदेश में दिक्कत आएगी, क्योंकि कांग्रेस के पास फिलहाल ऐसा कोई नेता मौजूद नहीं है जो मैदानी से लेकर पहाड़ तक उनके नाम और अपील पर एकजुट हो जाता था।