Virat Sikh Sammelan में सरकार को एक नवम्बर तक की दी मौहलत अन्यथा 21 से प्रदेश व्यापी धरना कुरुक्षेत्र में डीसी के कार्यालय पर

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Virat Sikh Sammelan
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  •  प्रदेश व्यापी सिख सम्मेलन में बोले सो निहाल सत श्रीअकाल के उद्घोष के बीच कई प्रस्ताव पारित
  • सम्मेलन में पहुंचे जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल मलिक

Virat Sikh Sammelan, करनाल, प्रवीण वालिया: शिरोमणि पंथक अकाली दल हरियाणा द्वारा करनाल के जीटी रोड पर स्थित माता साहब देव जी शहीद जंग सिंह गुरुद्वारे के सभागार में आयोजित विशाल सिख सम्मेलन में देश भर के सिख युवकों से सरकार के कब्जे से हरियाणा के गुरुद्वारों को मुक्त करवाने का आह्वान किया गया। इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि पूर्व राज्यपाल सतपाल मलिक थे।

हजारों लोगों की संगत के बीच बोले सो निहाल सत श्री अकाल के उद्घोष के बीच राजनीतिक और सामाजिक प्रस्ताव पारित किए गए। इन प्रस्तावों के माध्यम से कहा गया कि सिखों के धार्मिक मामलों में सरकार का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रस्ताव में कहा गया कि संगत हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव जल्द चाहती हैं। इस अवसर पर प्रस्ताव के माध्यम से राज्यपाल से मांग की गई सरकारी एचएसजीपीसी कमेटी को तत्काल भंग कर नए सिरे से चुनाव चुनाव करवाए जाएंगे। तब तक रिसीवर को बिठाया जाए।

इस अवसर पर कंगना रानौत की फिल्मों के वहिष्कार की अपील की गई। सरकार से कंगना रनोत की फिल्म इमरजेंसी पर पाबंदी लगाने की मांग सरकार से की गई। एक अन्सयय प्रस्ताव के माध्यम से सरकार से कहा गया कि यदि सरकार ने एक नवंवर तक एचएसजीपीसी के चुनाव कार्यक्रम घोषत नहीं किया तो 21 नवंवर को प्रदेश भर की सिख संगत कुरुक्षेत्र डीसी कार्यालय का घेराव करेगी। उसके बाद बेमियादी धरना दिया जाएगा। एक अन्सय महत्वपूर्ण प्रस्ताव के माध्यम से सरकार से मांग की गई कि श्री गुरुग्रंथ साहेब के बेअदबी के मामलों में सख्त सजा के कानून को ससंद द्वारा लागू करवाया जाए। इस अवसर पर पारित प्रस्ताव में कहा गया कि प्रदेश में जो भी प्रत्याशी भाजपा उमीदवार को हराने में सक्षम होगा सिख संगत उसका समर्थन करेगी।

इस अवसर पर शिरोमणि पंथक अकाली दल हरियाणा के युवा प्रमुख भूपिंदर सिंह लाडी, युवा नेता गरुदीप सिंह अपार सिंह, जोगिन्दर सिंह झिंडा, जरनरैल सिंह दविंदर सिंह, हरप्रीत सिंह जंगी, दलजीत सिंह, सुखविंदर सिंह, सतविंदर सिंह बलविंदर सिंह, नरेंद्र सिंह कात्याल, सुरेंद्र सिंह यमुनानगर ने विचार व्यक्त किए ।