आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा विराट सेवा सम्मेलन आयोजित

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Virat Seva Sammelan organized by Art of Living

मनोज वर्मा, कैथल:

आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर द्वारा संचालित संस्था आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा सम्पूर्ण हरियाणा में अध्यात्मिकता की पावन अलख जगाते हुए आदर्श एवं दिव्य समाज निर्माण की पवित्र परिकल्पना को मूर्त्त रूप प्रदान करने हेतू स्वामी दिव्यतेज के पावन सानिध्य में विराट सेवा सम्मेलन का आयोजन वेदविज्ञान महाविद्यापीठ, कपिस्थल आश्रम, कैथल में किया गया। आचार्या कंचन सेठ एवं आचार्या अल्पना मितल ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ आचार्या अल्पना मित्तल द्वारा दीप प्रज्वलन संग गुरु-पूजा के पश्चात् गणेश वंदना वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा गाकर किया गया।

भारतवर्ष में अनंतकाल से वैदिक संस्कृति की पावन ज्ञान धारा चलरही 

स्वामी दिव्यतेज के पावन सानिध्य में सम्मेलन में प्रतिभागी साधकों ने न सिर्फ अध्यात्मिकता के प्रसार के आ रही चुनौतियों एवं उपलब्धियों पर गहन विचार विमर्श किया, अपितु प्रत्येक चुनौती का सामना ज्ञानपूर्ण सजगता के साथ करने का संकल्प भी धारण किया। स्वामी दिव्यतेज द्वारा साधकों को ज्ञानपूर्वक ढंग से अपने कर्म करते हुए अपने कर्मफल को सर्वशक्तिमान परमात्मा को समर्पित करने का दिव्य-सन्देश देना आज के आयोजन की दिव्य विशेषता रही। इसके अतिरिक्त स्वामी दिव्यतेज द्वारा अध्यात्मिकता के पथ पर आरुढ़ साधकों के जीवन में श्रद्धा के महत्व पर प्रकाश डालने के साथ साथ योग-क्षेम के भिन्न भिन्न आयामों की विद्वतापूर्ण चर्चा करना आज के कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण रहा। तत्पश्चात् परम पूज्य गुरुदेव श्री श्री रविशंकर को उद्धरित करते हुए स्वामी दिव्यतेज ने कहा कि भारतवर्ष में अनंतकाल से वैदिक संस्कृति की पावन ज्ञान धारा चलती आई है और चलती रहेगी।

जीवन को सफल बनाने का मूलमंत्र बताया

स्वामी दिव्यतेज की सद्प्रेरणा से सम्पूर्ण हरियाणा से आए आर्ट ऑफ लिविंग के आचार्यगण तथा पदाधिकारियों के रूप में उपस्थित सेवा योद्धाओं द्वारा इस सेवा सम्मेलन में हरियाणा के सभी क्षेत्रों को योजनाबद्ध तरीके से आध्यात्म के पवित्र केंद्र के रूप में विकसित करते हुए दिव्य समाज की परिकल्पना को साकार करने का संकल्प व्यक्त किया जाना इस कार्यक्रम की प्रमुख विशेषता रही। अपने सम्बोधन के अंतिम चरण में परम पूज्य गुरुदेव श्री श्री रविशंकर के निमित्त के रुप में स्वामी दिव्यतेज ने सभी सेवा योद्धाओं को दिव्य शुभाशीष प्रदान करते हुए आत्मिक शुभकामनाएं प्रदान की। कार्यक्रम के अगले चरण में शुचिका बतरा ने कहा कि भारत की आत्मा गाँवों में बसती है और उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में ज्ञान-धारा के पवित्र प्रवाह द्वारा सभी ग्रामीणों को आध्यात्म पथ पर आरुढ़ करते हुए ग्रामीण-कायाकल्प पर विशेष बल दिया। स्वामी दिव्यतेज ने अपनी दृष्टि को विशालता प्रदान करने एवं आत्मिक स्तर पर स्वयं को स्वयं से जोड़ते हुए अपनी जड़ें मजबूत करने पर संकल्पपूर्वक प्रतिबद्ध होते हुए अपने अमूल्य मानव जीवन को सार्थकता प्रदान करने की बात कही। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्ग के लोगों के साथ आत्मीय सम्बन्ध स्थापित कर उनकी सभी प्रकार की समस्याओं को गहराई से समझते हुए उन समस्याओं का सरलता से निराकरण किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त स्वामी दिव्यतेज ने सेवा, साधना तथा सत्संग को सफल जीवन का मूलमंत्र बताते हुए आपसी तालमेल तथा एकजुटता के साथ सेवा कार्य करने पर बल विशेष दिया।

कार्यक्रम में सभी उपस्थित सेवा योद्धाओं द्वारा सेवा, साधना तथा सत्संग की मदद से स्वयं को समाज में इक उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में स्थापित करते हुए दिव्य समाज निर्माण का संकल्प व्यक्त करना इस आयोजन की अद्वितीय विशेषता रही। कार्यक्रम के अंतिम चरण में आचार्य दीपक सेठ एडवोकेट ने सभी प्रतिभागी सेवा योद्धाओं का इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए उम्मीद जताई कि सभी सेवा योद्धा अपने अपने क्षेत्रों में अपनी सेवा भावना से स्वयं को इक उत्कृष्ट उदाहरण के रुप में स्थापित करते हुए दूसरे लोगों के लिए उत्तम प्रेरणास्रोत साबित होंगे।

आर्ट ऑफ लिविंग हरियाणा के प्रांतीय टीचर्स संयोजक शुचिका बतरा, पूनम मैणी तथा महावीर अग्रवाल, प्रांतीय मीडिया प्रकोष्ठ संयोजक कुसुम धीमान एवं नीरज गुप्ता, प्रांतीय शीर्ष निकाय के सदस्य शिव सुखीजा, रमेश चन्द्र कालिया, रविकांत मलिक तथा संजीव अरोड़ा के अतिरिक्त अशोक आहूजा, ब्रम्हा प्रकाश भारद्वाज, दिनेश जिंदल तथा भावना पाल, दीपा विश्वासआदि सेवा योद्धाओं ने अपनी गौरवमयी उपस्थिति से इस कार्यक्रम को सार्थकता प्रदान की।

इस सम्पूर्ण आयोजन की सफलता तय करने में स्वामी धनन्जय शर्मा, दीपक सेठ एडवोकेट, अल्पना मितल, कंचन सेठ, डॉक्टर विकास भटनागर, डॉक्टर, सीमा भटनागर, डॉक्टर विकास शर्मा, सोनिया मिगलानी, भारती गुप्ता, भारत खुराना, पीयूष हसीजा, सूरजभान शांडिल्य, जितेन्द्र पाटीदार, रूचि शर्मा, जितेन्द्र ढींगरा, रमित सचदेवा, बलराम नंदवानी, डॉक्टर राजेश सीकरी, डॉक्टर सुनीला सीकरी, याशिका हसीजा, गुलाब सिंह, सुनील खुराना, डॉक्टर चेतन शर्मा तथा कमल कान्त गांधी आदि ने विशेष योगदान प्रदान किया।

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