Viral truth of the emotional letter of Manohar Parrikar: मनोहर पर्रिकर की भावनात्मक चिट्ठी का वायरल सच

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अंबाला। गोवा के मुख्यमंत्री रहे मनोहर पर्रिकर किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उनकी मृत्यु के बाद उनका लिखा एक पत्र सोशल मीडिया में काफी तेजी से वायरल हुआ। उनके नाम से सोशल मीडिया पर एक चिट्ठी खूब वायरल हो रही है। दावा किया गया कि यह चिट्ठी बीमारी के वक्त अस्तपाल से खुद पर्रिकर ने लिखा थी। इस चिट्ठी में उन्होंने चिंतनशील और पश्चाताप वाली बातें लिखी हैं। इस चिट्ठी को पर्रिकर के निधन के बाद से फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सऐप पर काफी शेयर किया जा रहा है। खासकर मोदी विरोधी ग्रुप इस चिट्ठी को खूब शेयर कर रहा है। पर आज समाज ने कदम उठाया है कि चुनाव के इस माहौल में आपको उन वायरल सच से रूबरू करवाया जाए जिससे आपका सरोकार है। आज समाज की रिसर्च टीम ने इस चिट्ठी के सच को खोजने की कोशिश की तो कई हैरान करने वाली जानकारी सामने आई।

-पर्रिकर की मौत के बाद जो चिट्ठी वायरल हुई है वह एक साल पहले भी वायरल हुई थी, जब पर्रिकर जिंदा थे।
-गोवा सीएम आॅफिस ने अपने आॅफिशियल ट्विटर अकाउंट पर 25 मार्च 2018 को इस पत्र को फर्जी बताया था।
-सीएमओ के ट्विटर अकाउंट पर लिखा गया कि यह देखा गया है कि सोशल मीडिया पर काफी सारे मैसेज छाए हुए हैं। जिसे सीएम द्वारा लिखा माना जा रहा है। इस तरह के सभी मैसेज प्रामाणिक नहीं हैं और शरारत भरे हैं। सीएम के संदेश सीधे उनके द्वारा या फिर उनके वेरिफाइड सोशल मीडिया हैंडल्स के जरिए ही दिया जाएगा।
-आज समाज की फैक्ट पड़ताल में यह बात भी सामने आई कि पर्रिकर की फर्जी चिट्ठी 2011 में वायरल हुई एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स की चिट्ठी जैसी ही है।
-आज समाज की पड़ताल में यह बात भी सामने आई कि चुनाव के इस माहौल में पर्रिकर की चिट्ठी को इसलिए वायरल किया गया क्योंकि इसमें पश्चाताप जैसी बातों की जिक्र है। इसका राजनीति फायदा उठाने के लिए इसे वायरल किया गया।
पड़ताल में यह चिट्ठी पूरी तरह फर्जी पाई गई।