नई दिल्ली। पूरे देश में चारों ओर नागरिकता कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। दिल्ली में कल जामिया मिल्लिया में पुलिस विश्वविद्यालय में घुस गई थी। विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी तक में कल आसू गैस के गोले दागे गए। तमाम विरोधों और अशांति के बीच अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम पर हिंसक विरोध दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है। पीएम ने कहा है कि चर्चा और बहस लोकतंत्र का हिस्सा है। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना सही नहीं है। समय की यही मांग है कि हम सब देश के विकास और हर भारतीय को सशक्त करने के लिए साथ मिलकर काम करें।
हम किसी स्वार्थी समूह को खुद को बांटने नहीं दे सकते। संशोधित नागरिकता कानून स्वीकार्यता, सौहार्द, करुणा एवं भाईचारे की भारत की सदियों पुरानी संस्कृति की व्याख्या करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने आज कई ट्वीट किया और लिखा कि मैं अपने साथी भारतीयों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सीएए किसी भी धर्म के भारत के नागरिक को प्रभावित नहीं करता है। किसी भारतीय को इस अधिनियम के बारे में चिंता करने की कोई बात नहीं है। यह अधिनियम केवल उन लोगों के लिए है, जिन्होंने वर्षों से उत्पीड़न का सामना किया है और भारत को छोड़कर उनके पास जाने के लिए कोई अन्य जगह नहीं है।
यह शांति, एकता और भाईचारा बनाए रखने का समय है। सभी से अपील है कि किसी भी तरह की अफवाह और झूठ से दूर रहें।बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों की जामिया मिल्लिया इस्लामिया के समीप न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में पुलिस के साथ झड़प हुई और उन्होंने डीटीसी बसों में आग लगा दी। साथ ही दो पुलिस वाहनों को भी आग के हवाले किया। झड़प में छात्रों, पुलिसकर्मियों और दमकलकर्मी समेत करीब 60 लोग घायल हो गए।