वाशिंगटन। अमेरिका एक लोकतांत्रिक देश है और यहां राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव भी कराए जा चुकेहैं। चुनावी नतीजों के अनुसार अब डोनाल्ड ट्रंप के स्थान पर जो बाइडेन अमेरिका की कमान संभालेंगे। लेकिन शुरू से ही ट्रंप ने नतीजों से नाराजगी जाहिर की थी और चुनावों में धांधली की बात भी कही थी। वह अपनी हार मानने को तैयार नहीं हो रहेथे। अब जब सत्ताहस्तांतरण का समय नजदीक आ गया हैतब ट्रंप समर्थकों ने कुछ ऐसा किया जिसे कहीं से भी उचित नहीं किया जा सकता है। सत्ता के हस्तांतरण की खींचतान में अब हिंसा की इंट्री हो गई है। अमेरिका में बुधवार की रात (भारतीय समयानुसार) हिंसक झड़प हुई। डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने संसद पहुंचकर हंगामा किया। चुनावी नतीजों को प्रमाणित करने के लिए बैठक के दौरान डोनाल्ड ट्रंप के भाषण के बाद अमेरिका में कैपिटल परिसर के बाहर ट्रंप समर्थकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसके बाद परिसर को आने जाने के लिए बंद कर दिया गया। खबर है कि हिंसक झड़व केदौरान एक महिला को गोली लगी। जिसके कारण उसकी मौत हो गई। इस तरह ट्रंप समर्थकों का कैपिटल बिल्डिंग में घुसना हिंसा करने को जो बाइडेन ने कैपिटल बिल्डिंग हमले को विद्रोह नहीं राजद्रोह कहा।
-सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, कई रिपब्लिकन नेताओं और कैबिनेट अधिकारियों का कहना है कि उन्हें लगता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 20 जनवरी से पहले पद से हटा दिया जाना चाहिए।अमेरिकी हिंसा पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को गैरकानूनी विरोध प्रदर्शन से प्रभावित नहीं कर सकते। साथ ही उन्होंने लिखा कि वाशिंगटन डीसी में हिंसा और दंगों की खबरों से दुख पहुंचा है। सत्ता का हस्तांतरण सही और शांतिपूर्ण ढंग से होना जरूरी है। इस तरह के प्रदर्शनों के जरिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता हैह्ण।
– समर्थकों की झड़प के दौरान चार लोगों की मौत हो गई है। एक महिला को पुलिस की गोली लगी। तीन अन्य की मेडिकल आपातकाल में मौत हो गई है।
– वाशिंगटन डीसी की मेयर म्यूरियल बोसेर ने कहा कि मैंने आज 15 दिनों के लिए घोषित किए गए सार्वजनिक आपातकाल को बढ़ाने का आदेश जारी किया है।