Haryana Assembly Election: राजनीति के अखाड़े की हार-जीत तय करेंगी विनेश का भविष्य

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राजनीति के अखाड़े की हार-जीत तय करेंगी विनेश का भविष्य
Haryana Assembly Election: राजनीति के अखाड़े की हार-जीत तय करेंगी विनेश का भविष्य

कांग्रेस की टिकट पर जींद के जुलाना विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रही है विनेश
Jind News (आज समाज) जींद: हरियाणा को पहलवानों की धरती भी कहा जाता है। हरियाणा के बहुत से पहलवान देश-विदेश की धरती पर अपनी धाक जमा चुके है। सुशील कुमार योगेश्वर दत्त, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, गीता-बबीता फोगाट ओर भी कई पहलवान विदेशी धरती पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके है। एक और पहलवान चरखी-दादरी के बलाली गांव विनेश फोगाट जो ओवरवेट के कारण पेरिस ओलिंपिक में डिसक्वालिफाई हुई है देश-विदेश में धाक जमा चुकी है। पेरिस ओलिंपिक में मात्र 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण डिसक्वालिफाई हुई विनेश फोगाट अबकी बार राजनीति के अखाड़े में उतर चुकी है। विनेश फोगाट जींद के जुलाना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर चुनावी दंगल में उतरी। यहां उनका मुकाबला जजपा ने निवर्तमान विधायक परमेंद्र ढूल व भाजपा के कैप्टन योगेश बैरागी से है। हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कल 5 अक्टूबर को वोट डाले जा चुके है। सभी प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो चुका है।

अब 8 अक्टूबर को सभी प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम के खुलने पर होगा। राजनीति के अखाडेÞ की हार-जीत विनेश के भविष्य का फैसला करेंगे। क्योंकि इस चुनाव में विनेश ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया है। विनेश ने खेल और नौकरी छोड़ राजनीति में आने का फैसला लिया है। अब देखना यह है कि कुश्ती के दांव-पेंज लगाने वाली पहलवान विनेश फोगाट राजनीति के इस दंगल में अपने विरोधियों को कौन से दांव-पेंच लगा कर चित करेंगी।

जुलाना में विनेश का ससुराल

जुलाना विनेश का ससुराल है। पेरिस ओलिंपिक में डिसक्वालिफाई होने के बाद जब विनेश भारत लौटी तो कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने विनेश का एयरपोर्ट पर स्वागत किया था। तभी से यह कयास लगाए जा रहे थे कि विनेश शायद अब राजनीति में उतर आए। यह सही साबित हुआ और विनेश ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली। उन्होंने नौकरी से भी इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस ने विनेश को उनके ससुराल जुलाना से चुनावी मैदान में उतारा। जुलाना की बहु होने का लाभ यहां विनेश को जरूर मिलता दिख रहा है। वहीं जुलाना जाट बाहुल्य क्षेत्र है। विनेश फोगाट भी इसी कम्युनिटी से आती है। वह प्रदेश का बड़ा जाट चेहरा बन चुकी हैं। जिन्हें खाप पंचायतों और किसान-मजदूर वर्ग ने भी यौन शोषण के खिलाफ आंदोलन से लेकर पेरिस ओलिंपिक में डिसक्वालिफाई होने के बाद सम्मानित किया।

कब्बड्डी खिलाड़ी दीपक हुड्डा भी चुनावी मैदान में अजमा रहे किस्मत

विनेश के अलावा अबकी बार हरियाणा से एक ओर खिलाड़ी चुनावी मैदान में उतरे है। भारतीय कब्बड्डी टीम के कप्तान रह चुके दीपक हुड्डा रोहतक की महम सीट से चुनाव लड़ रहे है। ऐसा कहा जा रहा है कि उनकी चुनावी राह आसान नहीं है। चुनाव प्रचार के दौरान भी दीपक हुड्डा को विरोध का सामना करना पड़ा था। दीपक हुड्डा का मुकाबला आंनद सिंह दांगी के बेटे बलराम दांगी से है जो कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे है।

यह खिलाड़ी भी उतर चुके चुनावी रण में

विनेश से पहले भी कई खिलाड़ी चुनाव में अपनी किस्मत अजमा चुके है। पहलवान योगेश्वर दत्त व बबीता फोगाट को पिछले चुनाव में हार का सामना करना पड़। केवल भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह चुनावी रण जीत पाए थे। संदीप सिंह को खेल विभाग का जिम्मा दिया गया। लेकिन महिला कोच के यौन शोषण केस में फंसकर पहले मंत्री पद और अब सीट भी गंवा बैठे।

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