Charkhi Dadri News (आज समाज) चरखी दादरी : द्रोणाचार्य अवार्डी महाबीर फौगाट ने कहा है कि विनेश ने राजनीति में आने का फैसला लेने में जल्दबाजी की। इससे वह नेता तो बन जाएगी, लेकिन ओलंपिक मेडलिस्ट नहीं कहला पाएगी। उसे वर्ष 2028 के ओलंपिक का इंतजार करना चाहिए था। इस बार वह यकीनन पदक विजेता बनती। कुश्ती से संन्यास लेकर हाल ही में कांग्रेस ज्वाइन करने और जींद के जुलाना से चुनाव मैदान में उतरी ओलंपियन विनेश फौगाट के ताऊ उनके राजनीति में आने के फैसले से खफा हैं। रविवार को फोन पर हुई विशेष बातचीत में महाबीर ने कहा, विनेश में काबिलियत है। इस बात के पूरे चांस थे कि वह अगले ओलंपिक में स्वर्ण पदक देश की झोली में डालती। बेहतर होता वह राजनीति में आने के लिए चार साल इंतजार कर लेती। विनेश के प्रारंभिक कुश्ती कोच महाबीर ने कहा कि राजनेता को लोग पांच साल बाद भूल जाते हैं, लेकिन ओलंपिक पदक विजेता हमेशा याद किए जाते हैं। वे लाखों-करोड़ों युवाओं की प्रेरणा बन जाते हैं। अफसोस, विनेश अब यह गौरव हासिल नहीं कर पाएगी। खैर, उसने फैसला ले ही लिया है तो भविष्य के लिए शुभकामनाएं। महाबीर की दूसरे नंबर की बेटी और पूर्व अंतरराष्ट्रीय पहलवान बबीता फौगाट करीब छह साल पहले भाजपा का दामन थाम चुकी हैं। पिछले चुनाव में बबीता को भाजपा ने दादरी हलके से प्रत्याशी के तौर पर उतारा था। वह तीसरे नंबर पर रही थीं। इस बार उनका टिकट कट गया है। बेटी का टिकट कटने पर महाबीर ने कहा कि यह तो राजनीति में चलता रहता है। संगठन किसी एक को ही खुश कर सकता है। पार्टी का फैसला बबीता के लिए सबसे ऊपर है।