Festival Of Ideas : विनय सीतापति ने देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों को लेकर खोले ये राज

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Vinay Sitapati opened these secrets about the former Prime Ministers of the country
Vinay Satapati at The Festival Of Ideas

Aaj Samaj (आज समाज), Festival Of Ideas, नई दिल्ली: ITV नेटवर्क की तरफ से देश की राजधानी दिल्ली में फेस्टिवल ऑफ आइडियाज (Festival Of Ideas) कॉन्क्लेव का आगाज हो गया है। इसी कड़ी में इस कार्यक्रम में राजनीतिक विशेषज्ञ विनय सीतापति ने अपने विचारों को देश के साझा किया।

 

जब विनय सीतापति से पूछा गया कौन है अच्छा पीएम?

फेस्टिवल ऑफ आइडियाज में विनय सीतापति से जब ये सवाल किया गया कि अभी तक देश में जितने प्रधानमंत्री रहे हैं उनमें से कौन सा प्रधानमंत्री अच्छा है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इस सवाल से पहले आपको ये पूछना चाहिए कि एक अच्छे प्रधानमंत्री की क्वालिटीज क्या होती हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपने विचारों को रखते हुए कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का उदाहरण दिया। उनके मुताबिक एक अच्छे पीएम में उनके जैसी क्वालिटी होनी चाहिए।

 

नरसिम्हा राव की पार्टी उन्हें नहीं करती थी पसंद

उन्होंने नेहरू को लेकर कहा कि नेहरू ने अपनी पार्टी तो कंट्रोल करके रखा था। साथ ही पार्टी ने पार्लियामेंट को कंट्रोल कर रखा था। लेकिन उनके मुताबिक उस वक्त इतनी मुश्किलें नहीं थी जो बाद में आई थी। इसके साथ ही उन्होंने इस दौरान देश के पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को लेकर भी चर्चा की। नरसिम्हा राव को उनकी पार्टी पसंद नहीं करती थी। साथ ही उनकी पार्टी पार्लियामेंट को कंट्रोल भी नहीं करती थी।

 

हमें यह भी देखना चाहिए कि वह किन-किन परेशानियों से गुजरे

उन्होंने कहा इस दौरान कठिनाईयां बहुत सारी थी। जिसमें इकनोमिक प्रॉब्लम, डिफेंस प्रॉब्लम, चुनाव से जुड़ी प्रॉब्लम्स और उनके मुताबिक उनका पब्लिक पर काबू नहीं था। इसके साथ ही उन्होंने जितना अपने काल में काम किया वह इस चीज का सबूत था कि उनके हाथ कितने बंधे हुए थे। उनके हिसाब से हमें ये नहीं देखना चाहिए कि उन्होंने क्या हासिल किया है। हमें यह भी देखना चाहिए कि वह किन-किन परेशानियों से गुजरे हैं।

 

मनमोहन सिंह को लेकर क्या बोले विनय सीतापति

इसके साथ ही उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि वह बिल्कुल भी अपनी पार्टी को कंट्रोल नहीं करते थे न ही उनकी पार्टी पार्लियामेंट पर डिपेंड थी। उन्होंने कहा कि वह अपने रूल्स के अनुसार चलते थे। वहीं उस दौरान अगर किसी परेशानी की बात की जाए तो भारत में अधिक बाहरी दिक्कते नहीं थीं। उस वक्त भारत की इकॉनमी बहुत अच्छे से काम कर रही थी। इसलिए हम उनको यानी कि मनमोहन सिंह को अच्छे और बुरे दोनों पायदानों पर रखा सकते हैं।

 

 

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