रोहतक, 23 अप्रैल:
Villagers Were Made Aware Not To Burn Crop Residues: फसलों के अवशेष जलाना मानवता के साथ-साथ प्रकृति के साथ ही अपराध है। फसलों के अवशेष जलाने से मानव के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। आज जरूरत है कि आमजन खासतौर पर ग्रामीण इस बारे जागरूक हों और फसलों के अवशेष का समुचित प्रबंधन करें।
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ग्रामीणों को फसलों के अवशेष न जलाने के लिए किया गया जागरूक (Villagers Were Made Aware Not To Burn Crop Residues)
यह उद्गार महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी आउटरिच कार्यक्रम के समन्वयक तथा बॉटनी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. सुरेन्द्र यादव ने आज गांव माड़ौधी जाट्टान तथा माड़ौधी रॉगड़ान में पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम में विद्यार्थियों से रूबरू होते हुए व्यक्त किए। इस जागरूकता कार्यक्रम के तहत इन गांवों में जागरूकता रैली निकालकर भी ग्रामीणों को फसलों के अवशेष न जलाने के लिए जागरूक किया गया।
बच्चों के फेफड़ों की कार्यप्रणाली कमजोर होने से स्वास्थ्य पर दीर्घकालीक प्रभाव (Villagers Were Made Aware Not To Burn Crop Residues)
डा. सुरेन्द्र यादव ने स्थानीय राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में यूनिवर्सिटी आउटरिच द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में अपने प्रभावी संबोधन में फसलों के अवशेष जलाने से होने वाले नुकसानों बारे जानकारी दी। उन्होंने कहा कि फसलों के अवशेष से निकलने वाले धुंए से ग्रामीणों के फेफड़े कमजोर हो रहे हैं, खासतौरपर बच्चों के फेफड़ों की कार्यप्रणाली कमजोर होने से स्वास्थ्य पर दीर्घकालीक प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा अस्थम तथा श्वास संबंधी बीमारियां भी बढ़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि फसलों के अवशेष जलाने से जैव विविधता का भी विलुप्तीकरण हो सकता है, साथ ही मित्रकीटों एवं सूक्ष्म जीवाणुओं की संख्या में भारी कमी होती है।
विद्यार्थियों ने रैली आयोजन में दिया सहयोग (Villagers Were Made Aware Not To Burn Crop Residues)
डा. सुरेन्द्र यादव ने फसलों के अवशेषों के समुचित प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण के महत्त्व बारे आम जन को समझाने के लिए जागरूकता रैली भी निकाली। विद्यालय के प्राचार्य सुनील बत्रा तथा विद्यार्थियों ने रैली आयोजन में सहयोग दिया। प्राचार्य सुनील बत्रा ने एमडीयू की यूनिवर्सिटी आउटरिच की इस पहल की सराहना की।
इस अवसर पर विद्यार्थियों से पर्यावरण संरक्षण की अपील की (Villagers Were Made Aware Not To Burn Crop Residues)
इस अवसर पर बॉटनी विभाग के शोधार्थी अमरेन्द्र, अभिषेक, प्रीतम, नवीन व हरेन्द्र ने सक्रिय आयोजन सहयोग दिया। विद्यालय के शिक्षकों भगत सिंह, रमेश कुमार, सतीश कुमार, अशोक कुमार, गीता, नीतू, अंजू, प्रोमिला ने भी जागरूकता कार्यक्रम के आयोजन में सहयोग दिया और विद्यार्थियों से पर्यावरण संरक्षण की अपील की।
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